सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री की बैठक से पहले विधायक सुमित का धरना, नगर आयुक्त समेत अधिकारियों पर मनमानी का आरोप
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्किट हाउस में आयोजित होने वाली बैठक से पहले ही बवाल मच गया। अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए शहर विधायक सुमित हृदयेश ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी की 12 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन उन्हें किसी भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। आज होने वाली बैठक में मुख्य नगर अधिकारी ने अनुरोध किया था, तब वह बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन बैठक शुरू होने से पहले ही टोका टाकी शुरू हो जिस कारण से उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया। शुक्रवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब सीएम की बैठक में भाग लेने पहुंचे शहर विधायक सुमित हृदयेश ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। दरअसल हुआ यूं कि बैठक में भाग लेने के लिए विधायक प्रतिनिधि जीवन सिंह कार्की और वरिष्ठ नेता सुहैल सिद्दीकी पहुंचे तो उन्हें वहां बैठने से मना कर दिया गया जिससे विधायक का पारा चढ़ गया।
उन्होंने अधिकारियों पर कांग्रेस विधायक का अपमान करने का आरोप लगाया। बैठक शुरू होने से पहले ही शहर विधायक बाहर आ गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे भाजपा का प्रदेश बना दिया है। हर बैठक में भाजपा कार्यकर्ता उमड़ पड़ते हैं लेकिन अधिकारी उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाते हैं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले को वह विशेषाधिकार हनन के तहत विधानसभा में उठाएंगे। जिस तरह की परंपरा भाजपा सरकार ने डाली, वह राज्य हित में नही है। सुमित हृदयेश ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार ने ऐसे अधिकारियों को सिर पर बिठाया हुआ है जिनका जनसरोकारों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीएम के कार्यक्रम का पुरजोर विरोध करेगी। वहीं शहर विधयक सुमित हृदयेश द्वारा बैठक का बहिष्कार किए जाने पर सीएम ने कहा कि पूरे मामले का संज्ञान लिया जा रहा है कि क्या वजह रही कि विधायक को मीटिंग का बहिष्कार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि विपक्षी विधायक भी विकास मेें सरकार के सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों से 1-10 प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। विधायकों के सुझाव के बाद विकास कार्य कराए जाएंगे। उत्तराखंड के विकास के लिए पक्ष और विपक्ष मिलकर काम करेंगे।