11 साल पुराने हत्याकांड का ‘क्राइम पेट्रोल’ की तर्ज पर सनसनीखेज खुलासा

हैरतअंगेज रहस्योद्घाटन पर यकीन करना मुश्किल
कहानी बड़ी फिल्मी लगती है। या फिर ये कहें कि नाटकीय लगती हैं। लेकिन है बिल्कुल सत्य। आपने सोनी टीवी पर आने वाला क्राइम पेट्रोल तो जरूर देखा होगा। जिसमें जरायम की दुनिया के अजीबो गरीब सच्चे केस नाट्य रूपांतरण के साथ दिखाए जाते हैं। जिनका जब खुलासा होता है तो लोग दंग रह जाते हैं। उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर के रुद्रपुर शहर में भी ऐसा ही एक केस सामने आया है। मामल 2011 का है। एक व्यक्ति की गुमशुदगी दर्ज होती है। 11 साल पहले लापता भोनू साहनी के मामले में दर्ज केस में पुलिस ने लंबी जांच के बाद कोई साक्ष्य नहीं मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
लेकिन इस एफआर से भोनू की पत्नी संतुष्ट नहीं थी। उसने अपने सौतेले देवर पर संदेह व्यक्त करते हुए दोबारा जांच की मांग उठाई थी। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने दोबारा जांच की तो मामला परत-दर-परत उठता गया। भोनू रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। उसके साथ सौतेला भाई छुटकन का परिवार भी रहता था। 23 जुलाई 2011 को अचानक भोनू लापता हो गया था। भोनू की पत्नी कृष्णा देवी ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। लंबी छानबीन के बावजूद पुलिस इस मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई और साक्ष्य के अभाव में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।
जब भोनू लापता हुआ तो उसका सौतेला भाई छुटकन भी रुद्रपुर से अपने मूल निवास बिहार चला गया था। कृष्णा की मांग पर न्यायालय ने मामले की दोबारा जांच करने के आदेश दिए। एसएसपी मंजूनाथ टीसी निर्देशन में पुलिस ने छानबीन की तो छुटकन की गिरफ्तारी ने भोनू के लापता होने की गुत्थी सुलझा दी। पता चला कि छुटकन ने भोनू की हत्या कर दी थी। करीब 11 साल बाद पति के लौटने की उम्मीद पाले पत्नी को न्याय मिला। कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि भोनू साहनी की हत्या की बात सामने आने के बाद पुलिस ने थाने के अभिलेख पंचायतनामा वर्ष 2011 का अवलोकन किया। जिसके आधार पर 30-32 वर्षीय एक युवक का शव उसी नाले में 26 जुलाई 2011 को बरामद हुआ था। पंचनामे में दर्ज हुलिया व कपड़े मृतक की पत्नी और आरोपित छुटकन ने पहचान लिए। पुष्टि हुई कि शव भोनू साहनी का ही था।
पुलिस के मुताबिक आरोपित ने बताया कि उस दिन अत्यधिक बारिश हो रही थी। ऐसे में लाश उसने नाले में ही डाल दी थी।टीम में सीओ सिटी अभय सह, कोतवाल विक्रम राठौर, एसएसआइ सतीश चंद्र कापड़ी, उपनिरीक्षक संदीप शर्मा, कांस्टेबल कैलाश परिहार, विशाल रावत, शैलेंद्र सुयाल शामिल हैं। पर्दाफाश करने वाली टीम में शामिल पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के नाम बेस्ट इनवेस्टिगेशन अवार्ड के लिए भी भेजा जाएगा।


