20 में से 12 दरोगा कुमाऊं में तैनात, नैनीताल जिले के चार दरोगाओं में तीन महिलाएं हैं शामिल, दरोगा भर्ती मामले में विजिलेंस की रिपोर्ट ने मचाया हड़कंप

हल्द्वानी। यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के बाद अब 2015 में हुई दरोगा भर्ती का जिन्न बाहर आ गया है। सात साल बाद दरोगा भर्ती घोटला उजागार होते ही 20 दरोगाओं पर इसकी गाज गिरी है। जबकि 12 दरोगाओं की कुमाउं में तैनाती है। नैनीताल जिले के चार दरोगाओं में तीन महिला दरोगा हैं। जबकि इकलौते पुरुष दरोगा को माह पहले अभद्रता के मामले में सस्पेंड किया गया था। जिन्हें हाल ही में कोतवाली हल्द्वानी से संबद्ध किया गया था। जबकि सात दरोगाओं की ऊधमसिंहनगर जिले में तैनाती है और एक दरोगा तेज कुमार चम्पावत में तैनात हैं। माना जा रहा कि अभी और दरोगाओं पर गाज गिरनी बाकी है। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले में सबसे बड़े सूत्रधार हाकम सिंह का नाम दरोगा भर्ती से जुड़ा।
जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दरोगा भर्ती जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, और शासन ने दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस टीम को सौंपी दी थी। जिसके बाद लंबे समय से विजिलेंस भर्ती घोटाले की जांच कर रही थी। सोमवार को विजिलेंस की जांच रिपोर्ट पर डीजीपी अशोक कुमार ने एक साथ 20 दरोगाओं को सस्पेंड किया। इन 20 दरोगाओं में 12 दरोगा कुमाउफं में तैनात है। जबकि नैनीताल जिले में चार दरोगा सस्पेंड किए गए हैं और इन चार दरोगाओं में एसआई नीरज चौहान वर्तमान में हल्द्वानी कोतवाली में तैनात थे।
जबकि आरती पोखरियाल एलआईयू हल्द्वानी, एसआई प्रेमा कोरंगा मुक्तेश्वर और एसआई भावना बिष्ट तल्लीताल थाने में तैनात थीं। एसआई नीरज चौहान की एक माह पहले रामनगर कोतवाली में तैनाती थी, जिन्हें अभद्रता के मामले में लाइन हाजिर कर दिया गया था। उन्हें हाल ही में लाइन से निकाल कर हल्द्वानी कोतवाली से संब( किया गया था। जबकि सात दरोगाओं की ऊधमसिंहनगर जिले में तैनाती है और एक दरोगा तेज कुमार चम्पावत में तैनात हैं।
कई और दरोगा रडार पर
कुमाऊं में भी कई दरोगा अधिकारियों के निशाने पर हैं और इसकी वजह है, इन दरोगाओं की कार्यशैली। वर्ष 2015 में भर्ती हुए कुल 339 दरोगाओं में से 120 कुमाऊं में अहम थाने और चौकियों में सितंबर माह तक तैनात थे। खास बात ये है कि सबसे ज्यादा 46 दरोगा उस ऊधमसिंहनगर में तैनात हैं, जहां यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले के चक्कर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद 2015 बैच वाले सबसे ज्यादा 38 दरोगाओं की तैनाती नैनीताल जिले में है।
विजिलेंस के निशाने पर जसपुर
दरोगा भर्ती घोटाले में ऊधमसिंहनगर जिले का जसपुर विजिलेंस के निशाने पर हो सकता है। इसकी खास वजह यह है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा दरोगा भर्ती में ऊधमसिंहनगर से 50 अधिक युवा सपफल हुए थे, और इनमें 20 से अधिक दरोगा जसपुर से ही चयनित हुए थे। जसपुर वहीं जगह है जहां से यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं। अब जसपुर में ये सब संयोग से हुआ या फिर सुनियोजित, ये जांच में सामने आएगा।


