काशीपुर के खनन कारोबारी की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, कनाडा में बैठे गैंगस्टर से ऐसे जुड़े तार, मर्डर में शामिल एक महिला भी गिरफ्तार

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काशीपुर। ग्राम जुड़का निवासी पूर्व ग्राम प्रधान और क्रेशर कारोबारी 65 वर्षीय महल सिंह की बीती 13 अक्टूबर को उनके घर के भीतर घुसकर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। महल सिंह के भतीजे कर्मपाल सिंह ने कनाडा में रह रहे गुलजारपुर निवासी हरजिंदर सिंह उर्फ काला पर हत्या का शक जताया था। आज काशीपुर पहंुचे डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीमों द्वारा एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। डीआईजी ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि महल हत्याकांड में शामिल प्रभजोत सिंह पन्नू उर्फ प्रभजीत सिंह पुत्र हरजाब सिंह जोकि गुलजारपुर का रहने वाला है, एकता स्टोन क्रेशर की तरफ बंजारी गेट के पास जंगल में छुपकर पुलिस के डर से कहीं भागने की फिराक में है।

सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस टीम ने सोमवार रात करीब ढाई बजे मौके पर पहंुचकर पन्नू को रोकने के लिए इशारा किया तो उसने जान से मारने की नीयत से पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया। किन्तु अथक प्रयास के बीच टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास 30 कैलीवर की अवैध पिस्टल एवं आठ जिंदा व दो खोखा कारतूस बरामद किये गये हैं। डीआईजी भरणे ने बताया कि पन्नू ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2015 से 2020 तक वह एकता स्टोन क्रेशर में बतौर मुंशी कार्य करता था। क्रेशर में महल सिंह, सुखवंत सिंह व उसका भाई हरजीत उर्फ काले और जगप्रीत सिंह पार्टनर थे। करीब दो वर्ष से हरजीत, महल व सुखवंत के बीच पार्टनरशिप को लेकर विवाद रहने लगा। हरजीत क्रेशर में जबरन हिस्सेदारी चाहता था लेकिन महल सिंह उसके दबाव में नहंी आ रहा था जिसके चलते महल सिंह से हरजीत रंजिश रखने लगा। पन्नू ने बताया कि वह और हरजीत भी स्टोन क्रेशर लगाना चाहते थे, लेकिन महल सिंह इसका विरोध कर रहा था। पंचायत में विवाद सुलझने के बावजूद हरजीत संतुष्ट नहीं हुआ और रंजिश बढ़ गई। पन्नू ने बताया कि हरजीत सिंह द्वारा सिग्नल एप के माध्यम से महल सिंह की हत्या करने के लिए अपने पास कारतूस व वैपन दिये तथा शूटरों की व्यवस्था रखने को कहा।

हरजीत के कहने पर मैंने अपने गैगस्टर दोस्त को व्हाटस एप के माध्यम से महल सिंह व उसके पुत्र की फोटो भेजी थी। 12 अक्टूबर को मुझे सिग्नल एप के माध्यम से उक्त शूटरों के लिए मोटर साइकिल की व्यवस्था करने के लिए बताया। इस काम में महिला रजविंदर कौर व सेवी से सम्पर्क में रहने के लिए बताया गया। चूंकि मैं हरजीत सिंह के साथ मिलकर स्टोन क्रेशर लगाना चाहता था जिसमें महल सिंह अड़ंगा डाल रहा था। इसलिये मैने हरजीत के बताये प्लान के तहत काम किया। चूंकि क्रेशर के माध्यम से सेवी व रजविंदर कौर को भी आर्थिक फायदा रहता इसलिए वह भी इस प्लान में शामिल थे। 12 अक्टूबर को सिग्नल ऐप के माध्यम से हरजीत उर्फ काले ने अपने गैंगस्टर साथी के साथ मोबाइल से बात करायी और बताया कि रात्रि 9 बजे तक शूटर काशीपुर पहंुच जायेंगे।

मैं लगातार हरजीत सिंह उर्फ काले तथा कनाडा में बैठे दूसरे गैंगस्टर साथी के सम्पर्क में था। करीब 9 बजे रात्रि दोनों शूटरों को रेलवे स्टेशन काशीपुर से अपने दोस्त की बोलेरो से चीमा चौराहा होते हुए हरजीत सिंह उर्फ काले के घर ले गया। जहां रजिवंदर कौर व सेवी ने दोनों शूटरों के खाने-पीने की व्यवस्था की तथा मैंने दिन में खरीदी हुई मोटरसाइकिल शूटरों को देने के लिए सुखदेव सिंह उर्फ सेवी के सुुपुर्द की तथा 13 अक्टूबर को दोनों शूटरों के द्वारा प्लान के मुताबिक प्रातः 4 बजे उठकर मैं अपने दोस्तों के साथ केदारनाथ निकल गया और जंगल के रास्ते शूटरों को मृतक महल सिंह के घर पर ले जाकर पूरे रास्तों की रेकी करवायी। बाद में शूटरों ने महल सिंह की हत्या कर दी।

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