निकाय चुनाव की अधिसूचना से पहले आरक्षण पर मंथन का दौर, यह सीटें हो सकती हैं अनारक्षित
सबसे पहले वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना जारी होगी।
यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना से पहले सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया पर मंथन का दौर शुरू हो गया है। मेयर और चेयरमैन की सीटों का आरक्षण चक्रानुक्रम व्यवस्था के आधार पर होना है। इस हिसाब से मेयर सीटों का आरक्षण होने पर लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद की सीट अनारक्षित होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शासन स्तर पर मेयर की सीटों को आरक्षित करने को लेकर मथापच्ची चल रही है। अभी तक जो फार्मूला तय किया गया है उसके आधार पर सीटों का आरक्षण इस बार चक्रानुक्रम पर किया जाना है। इसके मुताबिक जो सीट वर्ष 2017 के चुनाव में आरक्षित थी उसमें बदलाव होना तय बताया जा रहा है।
चक्रानुक्रम आरक्षण फार्मूले के मुताबिक सबसे पहले कोई भी सीट महिला एससी के लिए आरक्षित होती है। इसके बाद चरणवार एससी, ओबीसी महिला, ओबीसी, महिला और इसके बाद अनारक्षित वर्ग में सीटें रखी जाती हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद की सीटें महिला के लिए आरक्षित थीं। इसीलिए इस बार यह सीटें अनारक्षित श्रेणी में रखे जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो नगर विकास विभाग ने सीटों के आरक्षण का प्रारूप तैयार कर लिया है। उच्च स्तर पर जल्द ही इसे प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। सबसे पहले वार्डों का आरक्षण की अधिसूचना जारी होगी और इसके बाद सीटों के आरक्षण की जारी होगी।