उत्तराखण्ड के बहुचर्चित हत्याकांड में दो साल बाद आया फैसला, जानिए अंकिता भंडारी के तीनों हत्यारों को क्या सज़ा मिली

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उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने तीनों को हत्या, साक्ष्य मिटाने और छेड़छाड़ की धाराओं (IPC 302, 201, 354) में उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, हर दोषी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना और पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया गया।

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यह फैसला 30 मई 2025 को करीब दो साल आठ महीने लंबी सुनवाई के बाद आया। मामले में एसआईटी ने 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया। 18 सितंबर 2022 को अंकिता की हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंका गया था। आरोपियों पर अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डालने और राज़ उजागर न हो इसके चलते हत्या करने का आरोप सिद्ध हुआ।

फैसले के दिन कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा। भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने रोका। सुरक्षा के चलते कोर्ट के 200 मीटर दायरे में निषेधाज्ञा लागू रही और मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई।

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यह मामला 20 सितंबर 2022 को दर्ज हुआ था और 24 सितंबर को अंकिता का शव बरामद होने के बाद पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था। अब, करीब तीन साल बाद कोर्ट के फैसले ने पीड़िता को न्याय दिलाया है।

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