सावधान- पोर्न देखने वालों को भी ‘कोई’ देख रहा होता है…..

जब भी आप अपने मोबाइल पर एडल्ट कंटेंट देखते हैं तो इसकी जानकारी सबसे पहले आपके मोबाइल सर्विस ऑपरेटर को मिलती है। इसके साथ ही आपके फोन में मौजूद ऐप्स भी आप भी नजर रख रहे होते हैं। फोन में पड़े ऐप्स इस तरह का कंटेंट देखने के दौरान आप पर किसी खुफिया एजेंसी की तरह नजर रखते हैं। यानी उस वक्त आपकी पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री को ट्रैक किया जा रहा होता है।
रिपोर्ट के अनुसार आपकी ब्राउजिंग पैटर्न के हिसाब से आपकी ट्रैकिंग होती है। साथ ही आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को भी खंगाला जाता है। इसके बाद यह तय किया जाता है कि आपको कौन-सा विज्ञापन दिखाया जाए। यदि कोई एडल्ट कंटेंट का आदी है तो उसको इससे जुड़े विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं। वहीं जो लोग ऐसा कंटेंट देखने के लिए पेड सर्विस लेते है, वे सबसे पहले निशाने पर होते हैं। ऐसे लोगों से उनके बैंक अकाउंट की डिटेल उसी समय ले जाती है, जब वे पेमेंट कर रहे होते हैं। ऐसे में उनके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
ऐसे कंटेंट के जरिए आपके मोबाइल में मैलवेयर या वायरस भी डाला जा सकता है। इसी मैलवेयर के जरिए बाद में आपकी जासूसी भी की जा सकती है और आपके निजी फोटो को भी सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है। वर्ष 2018 में Kaspersky Lab की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 12 लाख एंड्रॉयड यूजर्स एडल्ट कंटेंट देखने की वजह से मैलवेयर से प्रभावित हुए थे।
