उत्तराखण्ड से जुड़े मामले में अपने फैसले से चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने ‘दिल छू लिया’

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केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के एक फैसले की तारीफ करते हुए इसे दिल को छू लेने वाला बताया है। दरअसल एक व्यक्ति को बीमारी की वजह से लिखने में तकलीफ थी, इस पर युवक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के लिए एक लेखक ले जाने की इजाजत देने की अपील की थी। किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि श्यह माननीय जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल को छू लेने वाली कार्रवाई की है।
धनंजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा के लिए लेखक ले जाने की इजाजत देने की मांग की थी। याचिका में बताया गया कि उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने उसकी मांग को खारिज कर दिया है। जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ एम्स अस्पताल द्वारा जारी सर्टिफिकेट भी पेश किया, जिसमें उसकी बीमारी और लिख ना पाने की समस्या की पुष्टि की गई थी। मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा वाली पीठ ने उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और साथ ही याचिकाकर्ता को परीक्षा में लेखक ले जाने की अनुमति दे दी है।

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