उत्तराखंड में बादल फटने से भारी तबाही, हालातों का जायजा लेने मौके पहुंचे सीएम धामी, राहत बचाव कार्य तेज़

देहरादून/उत्तराखंड। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। राजधानी देहरादून समेत टिहरी, मसूरी, चकराता और देवप्रयाग में स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने सात से आठ लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि कई लोगों की मौत और घायल होने की खबरें हैं।
देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। करलिगाड़ नदी उफान पर आ गई, जिससे नदी किनारे स्थित दर्जनों दुकानें बह गईं और दो होटल पूरी तरह ध्वस्त हो गए। मुख्य बाजार में मलबा भर गया, जिससे दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। गुच्चू पानी में बाढ़ आने से एक स्कूटी मलबे में दब गई। वहीं, टपकेश्वर के पास भगत सिंह कॉलोनी के पास एक शिखर फॉल में चार लोगों के बहने की सूचना है। राहत कार्य जारी है। मसूरी के झड़ीपानी टोल प्लाजा के पास हुए भूस्खलन में दो मजदूर मलबे में दब गए। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है।
कालसी-चकराता मार्ग पर जजरेड के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक स्कूटर सवार की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल है। घायल की पहचान विनय के रूप में हुई है।
लगातार बारिश के चलते देवप्रयाग में भारी भूस्खलन हुआ है। बस अड्डे के पास भू-धंसाव से रघुनाथ मंदिर के पीछे बने कई कमरे ढह गए हैं। बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाईवे बंद कर दिया गया है। साथ ही पेट्रोल पंपों को भी नुकसान पहुंचा है।
डोईवाला क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया है। करलिगाड़ क्षेत्र में दो लोग लापता हैं। चंद्रभागा नदी में फंसे तीन लोगों को एसडीआरएफ ने सुरक्षित बाहर निकाला।
डीएम सविन बंसल और एसडीएम कुमकुम जोशी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और लोनिवि समेत कई विभाग मौके पर जुटे हैं। कई मार्गों पर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का दौरा शुरू कर दिया है और हालात की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने सभी जिलों को अलर्ट रहने और तेजी से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं।


