विश्व टीबी दिवस पर सुशीला तिवारी अस्पताल में गोष्ठी, विशेषज्ञों ने बीमारी के लक्षणों पर डाली रौशनी
हल्द्वानी। विश्व टीबी दिवस पर गुरूवार को राजकीय मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी के टीबी एवं श्वास रोग विभाग द्वारा मेडिकल काॅलेज परिसर के लेक्चर थियेटर में गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबीः डायग्नोसिस, ट्रीटमेंट और माॅनिटरिंग था। गोष्ठी का शुभारंभ डा अरूण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल काॅलेज द्वारा किया गया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता डाॅ0 राजीव टण्डन, (प्रोफेसर, रेस्पीरेट्री मेडिसिन विभाग), राम मूर्ति स्मारक इन्स्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज बरेली, द्वारा फेफड़ों की टी0बी0 के अलावा अन्य अंगो से सम्बन्धित टीबी (एक्सट्रापल्मोनरी टीबी) की जाॅच एवं उपचार विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
गोष्ठी में डाॅ0 राजीव टण्डन ने एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 20 प्रतिशत मरीजों में टीबी का संक्रमण फेफड़ों के बजाय अन्य अंगों में पाया जाता है। फेफड़े की झिल्ली, लसिका ग्रन्थि, दिमाग, रीड की हड्डी, आंते इनमें प्रमुख हैं। डा0 टण्डन ने कहा जहाॅ फेफड़ो की टी0बी0 की जाॅच बलगम से आसानी से की जा सकती है, जो निःशुल्क व हर जगह उपलब्ध होती है, वहीं एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी की जाॅच महंगी एवं हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होती है, इसके लिए अधिकतर मरीजों को मेडिकल काॅलेज की सेवाओं पर ही निर्भर रहना पड़ता है। एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी की जाॅच के लिए स्मियर स्मियर माइक्रोस्कोपी, कल्चर, जीन एक्सपर्ट, साइटोलाॅजी, एडीए लीवल हैं। इसके अतिरिक्त एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्ररासाउंड, एमआरआई, विभिन्न अंगों की इन्डोस्कोपी की भी मदद ली जाती है। एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी मरीजों के इलाज में अधिकांशतः एक से अधिक विशेषज्ञों की सेवाओं की आवश्यकता होती है, वही कुछ रोगियों में लम्बे इलाज की आवश्यकता पड़ती है। गोष्ठी में मानव शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाली टीबी के बारे में विस्तार से बताया गया। गोष्ठी में डाॅ0 अरूण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल काॅलेज, डाॅ0 राम गोपाल नौटियाल, विभागाध्यक्ष टीबी एवं श्वास रोग विभाग, डा0 जीएस तित्याल, डा0 उमेश, डाॅ0 उर्मिला पलड़िया, डा विनीता रावत, डा साधना अवस्थी, डा0 सौरभ अग्रवाल, डा परमजीत सिंह, डा रीना भारद्वाज, डा हरि शंकर पाण्डेय, डा प्रभात पंत, डाॅ0 अंशुल केड़िया, नागेन्द्र प्रसाद जोशी, अमित जोशी समेत रेजीडेण्ट चिकित्सक व एमबीबीएस के छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।