लानत है हल्द्वानी महिला अस्पताल की ऐसी व्यवस्था पर…..गर्भवती महिला ने टैंपो में दिया बच्चे को जन्म

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हल्द्वानी। महिला अस्पताल की चिकित्सक और स्टाफ आखिर कब संवेदनशील होंगे। अस्पताल में ढीट और बेशर्म किस्म का स्टाफ भर्ती है। जिसका खामियाजा गर्भवती महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। एक महीना भी नहीं बिता था कि अब प्रसव पीड़ा में महिला अस्पताल पहुंची महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बजाय वापस लौटने का एक और मामला प्रकाश में आया है। महिला को प्रसव में दो-तीन दिन का समय बताकर अस्पताल में भर्ती करने के बजाय इंजेक्शन देकर लौटा दिया गया।

अस्पताल से करीब 150 मीटर दूर छतरी चौराहे पर ही चलते ऑटो में महिला को प्रसव हो गया। नवजात बच्ची के सिर में भी चोट लग गई, लेकिन गनीमत रही कि ननद और सास साथ में थीं, जिन्होंने जच्चा-बच्चा को संभाल लिया। जानकारी के मुताबिक गफूर बस्ती वार्ड 22 निवासी पेंटर इमरान कुरैशी सोमवार देर रात पत्नी शब्बो को प्रसव पीड़ा होने पर ऑटो चलाकर सोमवार देर रात करीब 10.40 बजे महिला अस्पताल लेकर पहुंचा। उसके साथ उसकी माता और बहन भी थी। राजा का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने पर उसने इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टर को पत्नी को प्रसव पीड़ा होने की बात बताई। जिस पर डॉक्टर ने जांच कर बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलने की बात कही और भर्ती करने से इंकार कर दिया।

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मजबूरन उसको वापस लौटना पड़ा। लेकिन छतरी चौराहे पर उसकी पत्नी को अचानक प्रसव हो गया और उसने बच्ची को जन्म दिया। बाद में घर पहुँचने पर क्षेत्र में रहने वाली दाई को नाल काटने के लिए बुलाया। इधर इस मामले में जब महिला अस्पताल की सीएमएस डा. ऊषा जंगपांगी से पूछा गया तो उन्होंने कहा मामला देर रात का है। रात में जिस डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी थी उनसे जानकारी ली जा रही है। इस घटना पर डॉक्टर व स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। इसके बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

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