विकास बाद में होगा पहले मुस्लिम नामों वाले 40 गाँवो का नाम बदलो

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आज़ाद क़लम:-स्थानीय निगम पार्षद भगत सिंह टोकस मोहम्मदपुर गांव के नाम को बदलकर माधवपुरम रखने के लिए कई दिनों से प्रयास कर रहे थे.

एमसीडी द्वारा इस नाम को मान्यता भी दे दी गई लेकिन फाइल दिल्ली सरकार के खेमे में जाकर अटक गई है. ऐसे में नाम को लेकर राजनीति को एक नया रूप देने के लिए दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष खुद मोहम्मदपुर गांव पहुंचे और माधवपुरम नाम से नया बोर्ड लगा दिया.

बीजेपी ने जिन 40 गावों के नाम को बदलने की मांग की है उन गांवों के नाम को साल 2020 में दिल्ली दंगे में शहीद हुए आईबी अफसर अंकित शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल, बटला हाउस एकाउंटर में शहीद हुए मोहन चंद शर्मा के नाम पर रखने की मांग की है.

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इसके अलावा करगिल युद्ध में शहीद विक्रम बत्रा, लता मंगेशकर और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने को कहा है. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इसको लेकर कहा था कि लोग यह मान चुके हैं इस गांव का नाम अब माधवपुरम हो गया है. जबकि आधिकारिक और कागजी तौर पर अभी माधवपुरम नाम होना बाकी है.

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आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि मुगलों के वक्त जिस तरह हिंदू नाम को बदलकर मुस्लिम नाम दिए गए थे, उन्हें दोबारा सही करने को लेकर दिल्ली सरकार कोई भी प्रयास नहीं कर रही है.

आदेश गुप्ता ने कहा कि मोहम्मदपुर के बाद अभी दिल्ली के 40 गांव ऐसे हैं जिनका मुगलों के जमाने में बदला गया था और अब उन्हें सुधार कर नया नाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, युसूफ सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सैदुल अजाब, फतेहपुर बेरी, हौज खास और शेख सराय जैसे कुछ नाम शामिल हैं.

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