फर्जी एफआईआर को इस तरह से दी जा चुकी है चुनौती, बचा जा सकता है गिरफ्तारी से
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता परिषद उच्च न्यायालय इकाई द्वारा बुधवार को बार सभागार में आयोजित स्वाध्याय मंडल में अधिवक्ताओं द्वारा फर्जी व गलत दर्ज एफआईआर व इन स्थिति में गिरफ्तारी से बचाव के कानूनी तरीकों पर व्यापक चर्चा की गई। वक्ताओं द्वारा बताया गया कि इस प्रकार की स्थिति में अभियुक्त को अनुच्छेद 19 व 21 में व्यापक अधिकार प्राप्त हैं जिसके लिए वह संविधान के अनुच्छेद 226 में उच्च न्यायालय में गिरफ्तारी से रोक व एफआईआर को समाप्त करने के लिए पिटीशन फाइल कर सकता है।
इस बैठक में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित अर्नेश कुमार एवं निहारिका वाले आदेशों में दी गयी व्यवस्थाओं का भी उल्लेख किया। इस स्वाध्याय मण्डल में पंकज पुरोहित, शशिकांत शांडिल्य, दिग्विजय सिंह बिष्ट, अविदित नौलियाल राहुल कंसल, भास्कर चंद्र जोशी, बीबी शर्मा आदि अधिवक्ताओं ने विषय पर प्रकाश डाला। स्वाध्याय मंडल में रवि बिष्ट, कौशल जगाती, विरेन्द्र रावत, योगेश पांडे, जयवर्धन कांडपाल योगेश शर्मा, लोकेन्द्र डोभाल, ललित बेलवाल, पान सिंह, नवीन तिवारी, सचिन मेहता, अक्षय लटवाल, भुवनेश जोशी राजेश शर्मा, हेम पाठक, भुपेंदर कोरंगा, बीएस कठायत सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।