37 साल तक चुनाव हारने का रिकॉर्ड बनाने वाले ‘अडिग’ नहीं रहे, वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ भी लड़ा था चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव में किया था कुछ ऐसा मच गया था बवाल

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वारणसी। विधायक, एमएलसी सांसद सहित कई चुनाव लड़ चुके नरेंद्र नाथ दुबे उर्फ ‘अडिग’ का आज निधन हो गया। नरेंद्र नाथ दुबे ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा।
यहां तक कि राष्ट्रपति चुनाव तक लड़ा। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने ऐसा कुछ किया, जिससे वह चर्चा में आ गए थे। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने नामांकन का समर्थन करने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर वाला पत्र दिखाया। इसकी जांच हुई तो पता चला कि ये सभी हस्ताक्षर फर्जी थे। इससे बड़ा बवाल हुआ। नरेंद्र नाथ दुबे लगातार 37 चुनाव हारे और इसके बाद भी अडिग रहे।
नरेंद्र नाथ दुबे उर्फ ‘अडिग’ पेशे से वकील, अडिग और द्रढ़निश्चयी उम्मीदवार थे। उन्होंने 1984 से विधायक, एमएलसी, सांसद और उपाध्यक्ष सहित कई चुनाव लड़े थे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में एक लेटर बॉक्स के चुनाव चिन्ह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था। हालांकि वह हर बार अपनी जमानत जब्त करते हुए सभी चुनाव हार गए।
वह तब सुर्खियों में आए जब 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके नामांकन का समर्थन करने वाले 50 संसद सदस्यों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। वाराणसी के रहने वाले अडिग ने रिकॉर्ड संख्या में चुनाव हारकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाने की इच्छा जताई थी, लेकिन गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की उनकी ये इच्छा अधूरी रह गई।वह अष्टांग विन्यास योग के भी अभ्यासी थे।

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