ज्ञानवापी मस्जिद में अभी खिचड़ी पकी है बिरयानी बनेगी तब बटेगी

ख़बर शेयर करें -

आज़ाद क़लम:- चुनाव तो सारे देश में जीतना है, इसलिए आज की हार पर अफसोस नहीं करना चाहिए। काशी स्तब्ध है कि जहां से हिंदु हृदय सम्राट देश का सम्राट बना है वहां एक छोटे से कोर्ट ने हिंदु विरोधी फैसला कैसे दे दिया।

अभी यह मुद्दा उस स्टेज पर नहीं पहुंचा है जहां से भावनाओं का ज्वार बाबरी की तरह भड़काया जा सके और यदि छोटे कोर्ट से विधर्मियो को क्यों नाराज़ करना, सभी को पता है कि अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट में होना है और वहां तो कोई चूं भी नहीं कर सकता।

लोकसभा चुनाव को अभी लगभग उन्नीस महिने शेष है जरा सोचिए अयोध्या में भव्य मंदिर की छटा और ज्ञानवापी में आस्था और भावनाओं की घनघोर घटा कैसा अनोखा संयोग पैदा करेंगी। तब उस भावनाओं के ज्वार में कौन नहीं बह जाएगा ।

इसलिए अभी मुद्दे को पकाया जा रहा है इसकी खूशबू ही विधानसभा चुनाव के लिए पर्याप्त है। असल स्वाद 2024मे उठा लिया जाएगा।

मंहगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, संविधान, जैसे मुद्दे नफरत और आस्था की आंधी में तिनके की तरह उड़ जाएंगे।

तो निराशा की जरूरत नहीं है बस विश्वास रखो महामानव पर वह है तो सब मुमकिन है।

रूमी वारसी

Ad