haldwani—पत्रकारिता सिर्फ कलम तक सीमित नहीं, पत्रकार भूपेश कन्नौजिया ने साबित कर दिया

हल्द्वानी। पत्रकार भूपेश कन्नौजिया ने रविवार को अपना 100वां रक्तदान कर मानवता के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की। वर्ष 2003 से शुरू हुआ यह सफर आज एक ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुँचा है, जब उन्होंने हल्द्वानी के बेस अस्पताल में 100वीं बार रक्तदान कर यह साबित कर दिया कि पत्रकारिता सिर्फ कलम तक सीमित नहीं, बल्कि समाज सेवा की मिसाल भी बन सकती है। भूपेश कन्नौजिया ने रक्तदान के अपने इस संकल्प को कभी नहीं तोड़ा, चाहे मौसम कैसा भी रहा हो या परिस्थितियां कैसी भी रही हों। उनका यह समर्पण युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
इसी अवसर पर के पत्रकार पारस बिष्ट ने भी 20वीं बार रक्तदान कर यह दिखा दिया कि समाजसेवा में युवा भी पीछे नहीं हैं। पारस का यह प्रयास न केवल सराहनीय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सकारात्मक संदेश भी है। रक्तदान के बाद दोनों पत्रकारों ने अपील की कि स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए, क्योंकि एक यूनिट रक्त किसी की पूरी जिंदगी बचा सकता है। इस मौके पर अस्पताल स्टाफ और स्थानीय लोगों ने दोनों पत्रकारों के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की। सोशल मीडिया पर भी इनके इस कार्य की खूब सराहना हो रही है। पत्रकारिता का असल मकसद सिर्फ खबरें दिखाना नहीं, बल्कि खुद समाज को दिशा देने वाला उदाहरण बनना है, यह दोनों पत्रकारों ने साबित कर दिया।
