भयावहः माचिस की एक तीली ने दस मासूम बच्चों को ज़िंदा जला डाला, बिलख उठी माएं

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उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड में माचिस की एक तीली ने भारी तबाही मचाई। इस आग में कम से कम दस बच्चों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा इतना भयावह था कि अस्पताल के बाहर बच्चों के परिजन बेसुध होकर रो रहे थे और उन्हें अपने बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी।

आग के कारणों को लेकर अस्पताल प्रशासन की तरफ से शॉर्ट सर्किट का हवाला दिया गया है, लेकिन एक प्रत्यक्षदर्शी ने इस पर सवाल उठाया है। गोविंद दास, जो हादसे के समय अपने पोते के साथ अस्पताल में थे, ने बताया कि यह हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से नहीं हुआ, बल्कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए एक नर्स ने माचिस की तीली जलाई थी। गोविंद दास ने कहा जैसे ही तीली जली, पूरी वार्ड में आग लग गई। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने गले में लपेटे कपड़े से तीन से चार बच्चों को तुरंत बाहर निकाला और बाकी की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया।

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हादसे के बाद अस्पताल के बाहर बच्चों के माता-पिता और रिश्तेदार अपने खोए हुए बच्चों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते दिखाई दिए। एक महिला ने बताया मेरा बच्चा दस दिन का था। जब आग लगी, मैं बाहर सो रही थी, बच्चा अंदर था। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि मैं अंदर नहीं जा पाई। अब 10 घंटे हो गए, मुझे कोई खबर नहीं मिल रही।

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एक अन्य महिला, जो हाल ही में मां बनी थी, ने कहा हाय मेरा बच्चा, एक बार उसका चेहरा ही दिखा दीजिए! यह कहते हुए वह बेहोश हो गईं, और उनके पति उन्हें संभालने लगे। बताया गया कि महिला की हालत अभी भी गंभीर है।

हादसे में मारे गए बच्चों और उनके परिवारों के लिए यह समय बहुत ही कठिन और अविश्वसनीय है। एक बच्चे की ताई ने कहा मैं बच्चे की बड़ी मां हूं, 8 दिन पहले मेरा बच्चा पैदा हुआ था। अब हमें उसका कुछ नहीं पता। उसकी मां भी अस्पताल में भर्ती है। कोई भी हमें कुछ नहीं बता रहा। अस्पताल प्रशासन ने फिलहाल इस घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।

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