अफ़ग़ानिस्तान कैसे बना मुस्लिम राष्ट्र जहाँ कभी हिंदू साम्राज्य था

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आज़ाद कलम:- अफगानिस्तान, जिसे आज एक इस्लामी देश के रूप में जाना जाता है, कभी हिंदू और बौद्ध शासकों के अधीन हुआ करता था. इतिहास के पन्ने पलटें तो इस भूमि पर हजारों साल पहले आर्यों का शासन था. उस समय अफगानिस्तान को गंधार और आर्याना जैसे नामों से जाना जाता था. यह इलाका भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा माना जाता था. यहां हिंदू मंदिर, बौद्ध मठ और ज्ञान केंद्र हुआ करते थे, जिनसे धर्म और शिक्षा दोनों का प्रसार होता था.

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लेकिन वक्त के साथ सत्ता और धर्म का समीकरण बदलता चला गया. सबसे बड़ा मोड़ आया 7वीं सदी में, जब अरब से इस्लामी सेनाएं फैलनी शुरू हुईं. धीरे-धीरे इस्लाम अफगानिस्तान की धरती तक पहुंच गया. उस समय यहां हिंदू शाही राजवंशों का शासन था, जिनके अधीन काबुल, गंधार और आसपास के क्षेत्र आते थे. 8वीं से 10वीं सदी के बीच अरब और तुर्क आक्रमणकारियों ने यहां कई युद्ध लड़े. महमूद गजनवी और उसके बाद के सुल्तानों ने लगातार अभियानों के जरिए हिंदू शासन को खत्म कर दिया.

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