अगर आपके घर मे भी है इनवर्टर तो यह खबर आपके लिए बहुत उपयोगी है

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 आज़ाद कलम:- बाकी इलेक्ट्रॉनिक सामान की तरह इन्वर्टर भी केयर मांगता है. अगर इसकी देखभल ठीक से न की जाए तो इनकी लाइफ कम हो जाती है. इन्वर्टर को ठीक से चलने के लिए पानी चाहिए होता है. अब ये मत सोचिएगा कि इसमें नॉर्मल RO या टैप का पानी भर दिया जाता है. इन्वर्टर बैटरी के लिए सिर्फ डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.हालांकि बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी है कि इसमें डिस्टिल्ड वाटर डाला जाता है. लेकिन हम में से बहुत से लोग ऐसे होंगे जो ये नहीं जानते होंगे कि इन्वर्टर बैटरी में कितने दिनों में पानी चेक करना चाहिए और नया पानी डालना चाहिए. क्यांकि समय के साथ इसका पानी खपत के हिसाब से कम होने लगता है. कब डालना चाहिए पानी? वैसे तो समय-समय पर बैटरी का पानी देख लें, लेकिन सलाह दी जाती है कि हर 45 दिन में इन्वर्टर बैटरी के वाटर लेवल को चेक करें और सुनिश्चित करें कि पानी मिनिमम लेवल से नीचे न हो.हर बैटरी पर इन्वर्टर बैटरी वाटर फिलर लेवल का एक इंडिकेटर मौजूद होता है. अगर इंडिकेटर Green निशान पर है, तो आपके इन्वर्टर में पर्याप्त पानी है. लेकिन अगर यह Red यानी लाल निशान है, तो मतलब पानी जितना होना चाहिए उससे नीचे चला गया है और इसे बदलने की ज़रूरत है. अगर पानी का लेवल कम है, जो कि लाल निशान से पता चल जाता है. इसका मतलब पानी भरने का समय आ गया है. लेकिन, पानी डालने से पहले, ये ज़रूर देख लें कि इन्वर्टर और पावर सॉकेट स्विच बंद हो और प्लग को भी बोर्ड से निकाल दें, ताकि किसी तरह की कोई दुर्घटना न हो. इसके अलावा बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर भरते समय दस्ताने पहन लें.

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