30 साल पुराने मामले में नवजोत सिंह सिद्धधू को एक साल की सज़ा

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नवजोत सिंह सिद्धधू को रोड रेज मामले में बड़ा झटका लगा है। उनको सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है। रोड रेज का ये मामला 1988 का है। नवजोत सिंह सिद्धू को पहले इस मामले में राहत मिल गई थी। लेकिन रोड रेज में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। अब उसपर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल सश्रम यानी कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

3 दशक पुराना मामला क्या है
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे। उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे। इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया। उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।
उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ। सेशन कोर्ट में केस चला। 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया।
साल 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट का फैसला आया। हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई। सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
साल 2006 में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सिद्धू की ओर से बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली ने केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने section 323 के तहत दोषी पाया था। लेकिन गैर इरादतन हत्या (304) के तहत दोषी नहीं पाया था। इसमें सिद्धू को जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था। Sep 12, 2018 को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ था। March 25, 2022 को रिव्यू पिटिशन पर अपना फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था।

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