हल्द्वानी के चर्चित अतिक्रमण के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से मानक बताने को कहा
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर में मंगल पड़ाव से रोडवेज बस स्टेशन तक रोड का सौंदर्यीकरण करने के साथ-साथ सडक़ चौड़ीकरण की जद में आ रहे कई व्यपारियों की याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई जारी रखते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 2 दिसम्बर (सोमवार) की तिथि नियत की है।
बता दें सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पूर्व में अतिक्रमण हटाने के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने सरकार व नगर निगम से यह बताने को कहा है कि रोड चौड़ीकरण के क्या मानक थे? उसका पालन हुआ या नहीं? मामले के अनुसार हल्द्वानी में मंगल पड़ाव से लेकर रोडवेज स्टेशन तक सडक़ चौडीकरण की जद में आ रहे 17 भवन स्वामियों व व्यवसायियों द्वारा उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम व लोक निर्माण विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर 4 अगस्त तक चिन्हित अतिक्रमण को स्वयं हटाने को कहा था।
प्रार्थनापत्र में आगे कहा है कि 20 अगस्त को उच्च न्यायलय ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि अगर किसी अतिक्रमणकारी का हित प्रभावित होता है तो वे उचित फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करें लेकिन शिकायत करने पर उनका पक्ष सही तरीके से सुना नहीं गया जबकि वे नगर निगम को चालीस पचास साल से किराया देते आये हैं। यह दुकानें नगर निगम ने स्वयं व्यवसाय करने के लिए उन्हें आवंटित की थी। पूर्व में हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रोड के चौडीकरण की जद में आ रहे सभी अतिक्रमणकारियों को हटाया जाय, आये दिन यहां पर जाम लगा रहता है।