विश्वकप में हारकर भी ‘चैंपियन’ अपने देश का ये करिश्माई खिलाड़ी, उम्र महज़ 18 साल, दुनिया में धाक

ख़बर शेयर करें -

फिडे विश्वकप शतरंज के फाइनल में पहुंचने वाले करिश्माई शतरंज खिलाड़ी 18 साल के रमेशबाबू प्रगनाननंदा इन दिनों खूब चर्चा में हैं। साधारण से भी साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला यह लड़का पूरे देश के लिए गौरव से कम नहीं है। क्रिकेट की दुनिया का अगर सचिन को भगवान कहा गया तो इसमें कोई दोराय नहीं कि प्रगनाननंदा शतरंज की दुनिया के भगवान हैं।

यह भी पढ़ें 👉  शाबाश अभय...पत्रकार दीपक भंडारी के बेटे का राज्य अंडर-20 फुटबॉल टीम में चयन

अजरबैजान में 18 साल के प्रगनाननंदा का फिडे विश्वकप में स्वप्निल सफर फाइनल में तब थम गया जब दुनिया के नंबर एक कहे जाने वाले खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के हाथों उन्हें टाईब्रेकर में 1.5-2.5 से हार का सामना करना पड़ा। दोनों के बीच दो क्लासिकल बाजियां बराबरी पर रहीं थी। प्रगनाननंदा दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद विश्वकप फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय और दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वह 30 अगस्त को वापस भारत लौट रहे हैं।

Ad