लापता होने के दस दिन बाद मिली युवा पत्रकार की लाश, हल्द्वानी के पत्रकारों ने उच्च स्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

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हल्द्वानी। उत्तरकाशी के युवा पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने उत्तराखंड के पत्रकार समुदाय को गहरे सदमे और आक्रोश में डाल दिया है। पिछले 10 दिनों से लापता चल रहे राजीव प्रताप का शव उत्तरकाशी स्थित जोश्याड़ा बैराज से बरामद किया गया है। राजीव प्रताप डिजिटल मीडिया से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे और हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार मामलों का खुलासा कर चुके थे। उनकी मौत को लेकर हत्या की आशंका जताई जा रही है, जिसे लेकर पूरे प्रदेश में पत्रकारों के बीच गंभीर असुरक्षा की भावना उभर आई है।

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राजीव प्रताप की कार लापता होने के अगले ही दिन स्यूणा गांव के पास मिली थी, लेकिन कार में राजीव नहीं थे। इसके बाद से ही उनके लापता होने को लेकर परिजन और सहयोगी चिंतित थे। कई प्रयासों के बाद भी जब कोई जानकारी नहीं मिली, तो अब उनका शव उत्तरकाशी बैराज से मिलने की खबर ने सभी को हिला दिया। पत्रकारों ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

जिसमें एसआईटी/सीबीआई, न्यायिक जांच की मांग की गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में राहुल दरम्वाल, जहांगीर राजू, योगेश शर्मा, हर्ष रावत, शैलेन्द्र सिंह नेगी, राजेन्द्र सिंह बिष्ट बब्ली, दीपक भंडारी, तारा चन्द्र जोशी, मो. शुएब खान, संजय कुमार, वंदना, रक्षित टंडन, शहवेज़ खान, संजय पाठक, अंकुर शर्मा, महेन्द्र नेगी, मोहन भट्ट, चन्द्र प्रकाश, चयन राजपूत, प्रशांत अग्रवाल, श्रषि कपूर, राजेश श्रीवास्तव, दीप बिष्ट बाबा, संतोष जोशी, दीपक अध्किारी, शंकर पांडे, नवीन सक्सेना, श्रुति तिवारी, गोविंद बिष्ट, अरकम सिद्दीकी, अज़हर सिद्दीकी, डा. एएन तिवारी, अभिजात कांडपाल, कुलदीप रौतेला आदि थे।

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