कपिल मिश्रा को दिल्ली कोर्ट ने खरी-खरी सुना दी, असर पड़ेगा क्या ? (हेट स्पीच)

नई दिल्ली। दिल्ली के एक कोर्ट ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया, जो उन्होंने 2020 में किए गए एक विवादास्पद पोस्ट को लेकर दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी। कोर्ट ने मिश्रा के बयानों पर तीखा टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान शब्द का उपयोग नफरत फैलाने के लिए किया था और चुनावी धु्रवीकरण के लिए इसे कुशलता से गढ़ा था। कोर्ट ने कहा कि मिश्रा का बयान ‘धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने’ के उद्देश्य से था और यह ‘विभाजनकारी राजनीति’ का परिणाम था, जो लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए खतरे का संकेत हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि मिश्रा का बयान एक खास धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए था, जिसे आम आदमी भी आसानी से समझ सकता है। कपिल मिश्रा ने 2020 में शाहीन बाग में ‘मिनी पाकिस्तान’ बनने और दिल्ली विधानसभा चुनाव को ‘भारत बनाम पाकिस्तान’ के मुकाबले के रूप में बयान दिया था। इस मामले में कोर्ट ने उनकी दलीलें खारिज कर दी, और इसे नफरत फैलाने की एक बेशर्म कोशिश बताया।
