मुरादाबाद- घर में नमाज पढ़ने के मामले में जांच के बाद यूपी पुलिस का यूटर्न
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना अनुमति के एक घर में नमाज पढ़ने के मामले को रद्द कर दिया। पुलिस ने केस को रद्द कर हुये कहा जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है। मंगलवार को मुरादाबाद पुलिस ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि गांव में पुलिस ने शिकायत को निराधार पाया। उन्होंने कहा 24 अगस्त को स्थानीय निवासी चंद्र पाल सिंह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज गई थी, जिसमें लिखा था। गांव के कई घरों में सामूहिक रुप से नमाज पढ़कर ये लोग ग्रामीणों में नफरत और दुश्मनी फैला रहे हैं। एफआईआर में 16 लोगों के नाम थे। जबकि 10 अन्य अज्ञात थे। सभी स्थानीय बताए जा रहे हैं। दरअसल 24 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के दुल्हेपुर गांव में 26 मुसलमानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने पड़ोसियों की आपत्तियों का हवाला दिया था और भारतीय दंड संहिता की धारा 505-2 धार्मिक पूजा करने वाली सभा में शरारती बयान के तहत नमाजियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि गांव में मस्जिद नहीं है और कुछ निवासी घरों के अंदर ही नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे, जिस पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई थी। बता दें कि इस मामले पर सियासत भी खूब हुई थी। इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थे। ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा थाए श्भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। क्या अब नमाज पढ़ने के लिए भी हुकूमत और पुलिस से इजाजत लेनी होगीघ् प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जायेगा।