नैनीताल: इन सैलानियों को कौन समझाए, नैनीझील की मछलियों को पहुंचा रहे नुकसान, नगर पालिका भी मौन

नैनीताल। सरोवर नगरी की नैनीताल की झील में मछलियों को स्थानीय व पर्यटक खाद्य सामग्री खिला रहें है। वही नैनीझील से महज कुछ ही दूरी पर स्थित नगर पालिका इसको नजरअंदाज कर रही है। पालिका की यह लापरवाही व पर्यटकों व स्थानीय लोगों को खाद्य सामग्री खिलाना कहीं भारी न पड़ जाए। विशेषज्ञों के मुताबिक झील में ब्रेड व अन्य खाध्य सामग्री डालने से झील का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है। इतना ही नही बल्कि झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है। लेकिन उसके बाद भी रोजाना सैकड़ों लोग झील में मछलियों को खाद पदार्थ खिला रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नैनीझील के चारो ओर पर्यटकों व स्थानीय लोगों द्वारा इन नोटिस बोर्डों के अगल बगल से ही मछलियों को चारा डाला जा रहा है। रोजाना सैकड़ों सैलानियों समेत स्थानीय लोगों द्वारा झील में खाद्य पदार्थ डालकर झील के पारिस्थितिकी तंत्र को बिगाड़ा जा रहा है। साथ ही झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। जिससे झील व मछलियों के लिए बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन कई बार शिकायतों के बाद भी प्रशासन एसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। एसे में ब्रेड बेचने वाले रोजाना हजारों की ब्रेड बेचकर जमकर कमाई कर रहे हैं। जीव विज्ञान प्रवक्ता कमलेश पांडे ने बताया कि झील में मछलियों के लिए प्राकृतिक रूप से भरपूर मात्रा में सैवाल, सूक्ष्म जीव व सूक्ष्म पादप उपलब्ध रहते हैं। लेकिन आर्टीफिशियल खाद्य सामग्री डालने से मछलियां प्राकृतिक भोजन को खाना छोड़ रही है। जिसके चलते झील का पापिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है साथ ही झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है। जिससे झील के पानी में कई प्रकार के संक्रमण फैल सकते हैं। और झील का पानी अनुपयोगी हो सकता है।
