नैनीताल की ‘पिंक लेडी’ ने महिलाओं में जगाई उम्मीद की नई किरण
अफजल हुसैन फौजी
नैनीताल वर्तमान में इस भागदौड़ भरे वक्त में जब इंसान को खुद के लिए भी वक्त नहीं है, इस दौर में दूसरों के जीवन के बारे में सोचने और खुद के लिए उन्हें समर्पित कर देने वाले लोग भी है। ऐसी ही एक ख़ास शख्सियत के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिनका नाम हैं आशा शर्मा जो नैनीताल की रहने वाली है।
आशा शर्मा को लोग पिंक लेडी के नाम से जानते है और यह नाम उन्हें उनकी पिंक मुहिम जो कैंसर के प्रति जागरूकता को लेकर छेड़ी गई थी। उसके जरिए ही मिला है।
आशा फाउंडेशन फाउंडेशन समाज में बालिका शिक्षा, नशे के दुष्प्रभाव, पर्यावरण संरक्षण जैसे कई मुद्दों पर काम करता है, लेकिन इन सबसे खास है उनकी महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति छेड़ी गई पिंक मुहिम. जिसे उन्होंने 2019 में शुरू किया था।
इस मुहिम के तहत वह महिलाओं को खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक करती है. जिसके लिए वह सुष्मा स्वराज स्त्री शक्ति सम्मान, हिमालय नारी शक्ति सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है।
आशा फाउंडेशन की अध्यक्ष आशा शर्मा ने बताया कि इस मुहिम को शुरू करने के पीछे एक खास वजह है जो उनसे जुड़ी हुई है, आगे उन्होंने बताया कि बीमारी की वजह से 2011 में उनका गर्भाशय निकालना पड़ा। इतना ही नहीं 2014 में उनकी ब्रेस्ट सर्जरी भी हुई। जिसको देखते हुए अब वह अन्य महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर रही है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जागरूकता बेहद जरूरी है. बताया कि शहरी इलाकों में महिलाएं किसी न किसी माध्यम से जागरूक हो जाती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की महिलाओ तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाती जिस वजह से उन्होंने ग्रामीण इलाको से इस मुहीम को शुरु किया. जिसके तहत अब तक वह 16 से भी ज्यादा दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में कैंप लगाकर महिलाओं को स्तन और ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक कर चुकी है और उनकी यह मुहिम आगे भी लगातार जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि वह भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों से भी डॉक्टर्स को बुलाकर महिलाओं को इस बीमारी के प्रति जागरूक करती है। ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति संजीदा हो सकें।