राष्ट्रीय युवा दिवस:- स्वामी विवेकानंद के विचार इस्लाम को किस नज़र से देखते थे

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राष्ट्रीय युवा दिवस युवाओं को समर्पित एक खास दिन है.    इसी दिन विश्‍व प्रसिद्ध व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद का जन्‍म हुआ था. ज्यादातर लोग स्वामी विवेकानंद को इस्लाम विरोधी मानते हैं लेकिन यह अवधारणा गलत है. स्वामी जी सभी धर्मों में सच्चाई की भावना देखते थे. इसका जिक्र खुद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब भारत की खोज में किया है.

इस्लाम के बारे में विवेकानंद के विचार- नेहरू के अनुसार, अपने पत्र में स्वामी विवेकानंद ने लिखा था, ‘सच्चाई यह है कि अद्वैतवाद धर्म और विचार का अंतिम शब्द है. यह एकमात्र ऐसी स्थिति है जहां कोई भी सभी धर्मों और संप्रदायों को प्यार से देख सकता है. हम मानते हैं कि यह भविष्य की प्रबुद्ध मानवता का धर्म है…दूसरी ओर हमारा अनुभव है कि यदि कभी किसी अन्य धर्म के अनुयायी अपने व्यावहारिक जीवन में बराबरी के नजरिए के इस स्तर पर आते हैं तो वो सिर्फ इस्लाम और इस्लाम के हो सकते हैं. हमारी मातृभूमि में दो महान व्यवस्थाओं, हिंदुत्व और इस्लाम का मिलन है जहां दिमाग वेदांती और शरीर इस्लाम का है, यही एकमात्र उम्मीद की किरण है.’

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