उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में किया भव्य ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री बोले – “उत्तराखंड की पहचान वीरता, अनुशासन और समर्पण से है”

ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर गुरुवार को हल्द्वानी के एम.बी.पी.जी. कॉलेज परिसर में भव्य ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पूरे कार्यक्रम में देशभक्ति और गर्व की भावना झलकती रही। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ, वीरांगनाएँ और उनके परिजन इस सम्मेलन में पहुंचे।

**मुख्यमंत्री धामी का आत्मीय स्वागत*

हल्द्वानी पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने उपस्थित वीर सैनिकों और वीर नारियों पर पुष्पवर्षा कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का हर परिवार किसी न किसी रूप में देशसेवा से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड सचमुच वीरभूमि है, जहाँ की माटी में ही देशभक्ति और बलिदान की भावना रची-बसी है।”

सैनिक कल्याण के लिए कई अहम घोषणाएँ

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सैनिकों और उनके परिवारों के हित में कई बड़ी घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण विभाग का पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे सैनिक परिवारों तक पहुँच सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों और आवासीय भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की कि शहीद सैनिकों की नारियों को आवास निर्माण हेतु दी जाने वाली सहायता राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा रही है, जबकि शहीद सैनिकों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  बनभूलपुरा मामले में अब्दुल मोईद, ज़हीर को हाईकोर्ट से ज़मानत, औरों की सुनवाई जानिए कब

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में सैनिक परिवारों के 150 बच्चों के लिए आधुनिक छात्रावास निर्माण की घोषणा की, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सके।

“सैनिक कभी पूर्व नहीं होता” मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “सैनिक कभी ‘पूर्व सैनिक’ नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है।” उन्होंने देश की रक्षा में योगदान देने वाले सभी सैनिकों को राष्ट्र की असली शक्ति बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर बन रहा है, और अब देश में ही अत्याधुनिक हथियारों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने हाल ही में ऑपरेशन ‘सिंधु मेघ’ में स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का भी उल्लेख किया।

“वीर नारियों का सम्मान पूरे राज्य का गौरव” गणेश जोशी

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य स्थापना दिवस उत्तराखंड की वीर परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आज की वीर नारियों और वीरांगनाओं का सम्मान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण है।”

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखण्ड विधानसभा में बनभूलपुरा को मुन्ना सिंह चौहान द्वारा ‘नरक’ बोलने पर भड़का विपक्ष, विधायक सुमित ने सुनाई खरी-खोटी, देखिये वीडियो

मंत्री ने बताया कि शीघ्र ही उत्तराखंड का पंचम धाम -सैन्य धाम लोकार्पित किया जाएगा। वीरता पदक प्राप्त सैनिकों के लिए निशुल्क बस यात्रा सुविधा शुरू की गई है और अब तक 22 हजार से अधिक सैनिकों को रोजगार दिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में बनने वाले छात्रावास के लिए 6.4 हेक्टेयर भूमि का चयन गन्ना सेंटर के पास किया गया है, जिसका शिलान्यास जल्द ही मुख्यमंत्री करेंगे।

**वन मंत्री सुबोध उनियाल का संबोधन**

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और राज्य सरकार सैनिकों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है।

**वीर नारियों का सम्मान**

कार्यक्रम में जनपद नैनीताल की 31 और ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री धामी ने शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। सभागार “जय हिंद” और “उत्तराखंड मातृभूमि की जय” के नारों से गूंज उठा।

कार्यक्रम में शामिल रहे ये विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम में विधायक बंशीधर भगत, रामसिंह कैड़ा, डॉ. मोहन बिष्ट, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, मेयर गजराज बिष्ट, अध्यक्ष जिला पंचायत दीपा दरम्वाल, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट समेत कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Ad Ad Ad
Ad