कानूनगो अशरफ अली ज़मीनों की ज़रूरी फाइलें घर में रखे हुए थे, तहसील से कमिश्नर दीपक रावत ने सीधे घर छापा मारा (haldwani)

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हल्द्वानी। हल्द्वानी तहसील में निरीक्षण के दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने एक बड़ा खुलासा किया। सुपरवाइजर कानूनगो अशरफ अली जो पहले भी विवादों में रह चुके हैं, एक बार फिर गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। तहसील में जांच के दौरान जब फाइलों की जानकारी मांगी गई तो पता चला कि कई सरकारी फाइलें उनके घर में रखी गई हैं। कमिश्नर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अशरफ के घर पर छापा मारा और वहां से 143 भूमि परिवर्तन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण फाइलें और सरकारी रजिस्टर बरामद किए। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे कमिश्नर दीपक रावत अचानक हल्द्वानी तहसील के निरीक्षण पर पहुंचे। तहसीलदार मनीषा बिष्ट की अदालत से जांच शुरू हुई। उन्होंने सबसे पहले तहसील में तैनात संग्रह अमीनों और पटवारियों की संख्या पूछी, लेकिन जवाब में बताया गया कि आधे से ज्यादा कर्मचारी अनुपस्थित हैं। इस पर कमिश्नर श्री रावत ने नाराजगी जताते हुए सभी को तत्काल तहसील में हाजिर होने का निर्देश दिया। जब एक-एक कर कर्मचारी पेश हुए, तो कमिश्नर ने उनसे उनके काम का ब्यौरा मांगा। कई कर्मी फाइलों की जानकारी तक नहीं दे पाए। पूछताछ के दौरान नजारा ऐसा था कि एक-दूसरे का मुंह ताकते और बगले झांकते नजर आए। इसके बाद सुपरवाइजर कानूनगो अशरफ अली की बारी आई। कमिश्नर ने उनसे जमीन की धारा 143 से जुड़ी फाइलों की पेंडेंसी और रिकॉर्ड की जानकारी मांगी। आधे घंटे तक पूछताछ चलती रही, लेकिन अशरफ कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

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आखिर में उन्होंने कहा कि कुछ पफाइलें उनके घर पर हैं। अशरफ अली की बात सुनकर कमिश्नर ने मौके पर तो बात टाल दी और तहसील परिसर का बारीकी से निरीक्षण करने लगे इस दौरान उन्होंने कहा कि तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय आम जनता के सीधे संपर्क में रहते हैं, इसलिए इनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और नियमित निगरानी अत्यंत आवश्यक है। निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने तहसील परिसर की सफाई, शौचालयों की स्थिति, पार्किंग व्यवस्था और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, शौचालयों की नियमित सफाई और जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, तथा पार्किंग क्षेत्र को सुव्यवस्थित किया जाए।

तहसील में इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक लगभग 7000 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1044 अभी भी लंबित हैं। आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लंबित मामलों, विशेष रूप से तीन वर्ष से अधिक पुराने प्रकरणों का निस्तारण अगले तीन माह में किया जाए, और सुनवाई की तिथियां अनावश्यक रूप से लंबी न दी जाएं। लेकिन निरीक्षण समाप्त होते ही अपनी गाड़ी सीधे अशरपफ अली के उजाला नगर स्थित आवास की ओर मोड़ दी। वहां पहुंचकर की गई जांच में बड़ी संख्या में सरकारी भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी अहम फाइलें और रजिस्टर बरामद हुए। सूत्रों के अनुसार ये फाइलें बेहद संवेदनशील और खास मामलों से जुड़ी थीं। निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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तीन साल पहले रिश्वत लेते हुए थे गिरफ्तार
सुपरवाइजर कानूनगो अशरफ अली का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्ष 2022 में जब अशरफ अली पटवारी हुआ करते थे और ऊधमसिंह नगर में तैनाती के दौरान उनके पास प्रभारी कानूनगो का भी चार्ज था। उस समय अशरफ अली पर आरोप लगा था कि उन्होंने सितारगंज में दाखिल खारिज के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित किसान, विजिलेंस के पास पहुंच गया और विजिलेंस ने अशरफ को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। अशरपफ की गिरफ्तारी के बाद उसके उजालानगर स्थित घर पर भी छापेमारी की गई, लेकिन अशरफ की गिरफ्तारी की भनक लगते ही उसके घरवाले ताला लगाकर फरार हो गए। विजिलेंस और पुलिस ने उसके घर के बाहर ही डेरा जमा लिया और जैसे ही लौटे तो टीम ने घर भी खंगाल डाला।

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