रेलवे भूमि पर अतिक्रमण: 11 लोगों की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जानिए क्या कहा कोर्ट ने

ख़बर शेयर करें -

नैनीताल। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में 11 अतिक्रमणकारियों की ओर से दायर याचिका पर को उत्तराखंड हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक से इंकार करते हुए रेलवे के एक्शन टेक प्लान को रिकॉर्ड में ले लिए है और लिखित बहस के लिए समय दिया है। कोर्ट ने पूरी जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रख दिया है। 9 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की याचिका पर 10 हफ्तों में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। हांलाकि इस आदेश के खिलाफ सरकार और अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की सुप्रीम कोर्ट ने तीन महिने की राहत देते हुए हाईकोर्ट में अपनी बात रखने को कहा इसी बीच एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान रेलवे ने कोर्ट को बताया कि सभी 4365 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिये हैं और मुकदमों का निस्तारण किया गया है 6 मार्च 2017 को हाईकोर्ट ने पीपी एक्ट में कार्रवाई की छूट देते हुए सभी प्रार्थना पत्रों को भी खारिज कर दिया । इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं होने पर रवि शंकर जोशी ने फिर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की है ताकि रेलवे सुविधाओं को विस्तार किया जा सके।

Ad