एक कदम गांधी के साथ वाराणसी से राजघाट तक पदयात्रा 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर आयोजन

आजाद कलम:- सर्व सेवा संघ, समस्त गांधीजन और लोकतांत्रिक संगठनो के सहभाग से एक कदम गांधी के साथ – पदयात्रा गांधी जयंती, 2 अक्टूबर से संविधान दिवस, 26 नवंबर 2025 तक होगी। यात्रा की शुरुआत राजघाट वाराणसी से होगी और 26 नवंबर को सुबह 7:00 बजे राजघाट दिल्ली में *सर्वधर्म- प्रार्थना* के बाद *संविधान मार्च* के रूप में जंतर- मंतर तक जाएगी जहां एक सभा के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा।
*पदयात्रा का मार्ग*
बनारस राजघाट से शुरू होकर गोपीगंज, प्रयागराज, कुंडा (प्रतापगढ़) रायबरेली, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, अकबरपुर (कानपुर देहात), औरैया, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा-वृन्दावन, होडल, पलवल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, बदरपुर बार्डर, निजामुद्दीन, राजघाट, दिल्ली होते हुए जंतर-मंतर पहुंचेगी। 1 हजार किलोमीटर की इस यात्रा में कुल 110 पड़ाव होंगे।
*पुरी यात्रा में शामिल रहेंगे*
सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, मंत्री अरविंद कुशवाहा एवं अरविंद अंजुम, आंदोलन समिति के संयोजक डॉ विश्वजीत, युवा प्रकोष्ठ के संयोजक भूपेश भूषण, विनोबा आश्रम गागोदा की सरिता बहन के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष राम धीरज भाई पूरी यात्रा में रहेंगे।
*शामिल होंगे प्रबुद्ध गांधीजन, नागरिक बुद्धिजीवी, आंदोलनो के प्रतिनिधि और समाजकर्मी*
इस यात्रा में जगह-जगह देश के विभिन्न इलाके के प्रबुद्ध गांधीजन, लोकतांत्रिक चेतना से प्रेरित एवं सक्रिय नागरिक, जन आंदोलनों के प्रतिनिधि बुद्धिजीवी, साहित्यकार,नाटककार, पत्रकार, जन आंदोलनो के प्रतिनिधि एवं समाजकर्मी शामिल होंगे। गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, सेवाग्राम आश्रम की अध्यक्ष आशा बोथरा, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के संयोजक आनंद कुमार समाजवादी जन परिषद के महासचिव अफलातून, जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के प्रफुल्ल सामंतरा, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण, भारत जोड़ो अभियान के योगेंद्र यादव, नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर, संयुक्त किसान संघर्ष समन्वय समिति के सुनीलम,सोशलिस्ट पार्टी के संदीप पांडे, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के जयंत दीवान यात्रा के उद्देश्यों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए शामिल होंगे।
*पदयात्रा का उद्देश्य*- सूफी और संतों की उदारवादी परंपरा तथा स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों की विरासत, सामाजिक सद्भावना, संविधान एवं लोकतंत्र के लिए जागरूक करना और किसानो, मजदूरों, नौजवानों, महिलाओं, दलितों, आदिवसियों एवं समाज के सभी कमजोर वर्गों के संवैधानिक अधिकारों व मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने तथा भयमुक्त वातावरण निर्माण के लिए लोगों से संवाद करना है।
*आज की चुनौतियां*
*यह यात्रा शोषण एवं शासन विहीन शांतिमय-अहिंसक वैश्विक समाज के लिए संकलबद्ध है।* ये आदर्श मानवता के आदर्श हैं और उन्हें हासिल करने में एक लंबा समय लगेगा। इसका यह अर्थ नहीं है कि आज की चुनौतियां को नजरअंदाज कर दिया जाए।
*बेरोजगारी, खेती-किसानी, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यापरीकरण,पर्यावरण के मुद्दों पर हस्तक्षेप करना एवं किसानो, मजदूरों व व्यापारियों की समस्याओं को दूर करने की चेतना जागृत करने कोशिश इस यात्रा का महत्वपूर्ण दायित्व है*।
*जिन अधिकारों (वोट देने का अधिकार) को प्राप्त किया है और जो संविधान प्रदत्त है, उसे न केवल मजबूती से कायम रखना है बल्कि व्यापक जन अधिकारों को भी स्थापित करना है।* पदयात्रा के दौरान हम इन विषयों पर भी लोगों से बातचीत करेंगे।
यात्रा को सफल बनाने में सक्रिय समूह के प्रतिनिधियों एवं आयोजकों ने सभी सचेत नागरिकों और लोकतांत्रिक संगठनों से पड़ावों की व्यवस्था में सहयोग एवं सहभाग का आह्वान किया है। आयोजकों ने साथ ही पदयात्रियों के स्वागत करने और इसके उद्देश्यों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में भागीदारी निभाने की भी अपेक्षा की है।
निवेदक
संपर्क-चंदन पाल 94330 22020,
रामधीरज 9453047097,735570885,
अरविंद अंजुम 887471992,
नंदलाल मास्टर 9415300520


