फर्जी पुलिस वाला बनकर एक साल तक जमकर की वसूली, असली पुलिस के हत्थे चढ़ गया
हल्द्वानी। प्रमिका के प्यार में अंधा एक युवक उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी पहनकर काठगोदाम में फर्जी पुलिस वाला बनकर लोगों पर रौब झाड़ता रहा। एक साल तक अपनी पहचान छुपाकर वह स्थानीय लोगों से वसूली करता रहा, लेकिन जब असली पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसने बड़े अधिकारियों का नाम लेकर रौब गांठने की कोशिश की। काठगोदाम के कृष्णा विहार कॉलोनी निवासी कैलाश चंद्र पांडे ने इस मामले में पुलिस को तहरीर दी, जिसके बाद आरोपी संजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। कैलाश ने पुलिस को बताया कि उसने अपने भाई गिरीश चंद्र पांडे के कहने पर संजय कुमार को किराए पर कमरा दिया था, जिसने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का कांस्टेबल बताया था।
कैलाश ने संजय को घर में घुसने से रोका तो वह गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा। काठगोदाम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संजय को गिरफ्तार किया और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का कांस्टेबल बताकर बड़े अधिकारियों का नाम लेकर पुलिस को धमकाने लगा। उसने यह भी दावा किया कि वह एसपी सहारनपुर और कुमाऊं कमिश्नर से दोस्ती करता है, लेकिन जब पुलिस ने उसकी असलियत जानी और उसकी पुलिस ट्रेनिंग, पोस्टिंग आदि की जानकारी ली, तो वह बुरी तरह घबराया।
आखिरकार, संजय ने स्वीकार किया कि वह पिछले एक साल से काठगोदाम में एक शादीशुदा महिला के साथ संबंध बना कर फर्जी पुलिस वर्दी पहनकर लोगों से वसूली करता था। जांच में उसकी चवेेमेेपवद से उत्तर प्रदेश पुलिस की फर्जी पहचान पत्र भी बरामद हुआ, जिसमें उसने खुद को कांस्टेबल बताया था। काठगोदाम थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट ने बताया कि संजय के खिलाफ बीएनएस की धारा 204, 319(2), 33(3), 351(2), 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।