उत्तराखण्ड के पांच शहरों में शहरी नदी प्रबंधन योजना का प्रस्ताव

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नैनीताल: नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, जल शक्ति मंत्रालय एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखण्ड के पांच शहरों (गंगोत्री-यमुनोत्री, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी-काठगोदाम, रामनगर) में शहरी नदी प्रबंधन योजना विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया।

इस संबंध में, अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान की अध्यक्षता में कलैक्टेट नैनीताल सभागार में नमामि गंगा के तहत अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से पर्यावरण, सामाजिक योगदान, और आर्थिक प्रबंधन पहलुओं पर चर्चा की गई।

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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के विक्टर शिंदे ने बताया कि नमामि गंगा का उद्देश्य नदियों के किनारे बसे शहरों का समग्र विकास करना, नदी सुरक्षा सुनिश्चित करना, नदियों के महत्व को लोगों तक पहुंचाना, और उन्हें प्रदूषण से बचाना है। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने की बात भी की। शिंदे ने विभागीय अधिकारियों और एजेंसियों से समन्वय और तालमेल से काम करने की अपील की, ताकि परियोजना समय पर और प्रभावी तरीके से पूरी हो सके।

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अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान ने अधिकारियों को डेटा तैयार करने और एजेंसियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही, परियोजना के तहत टीम गठन की भी बात की गई। बैठक में नगर आयुक्त हल्द्वानी ऋचा सिंह, सहायक नगर आयुक्त डॉ. मनोज काण्डपाल, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश सिंह, उत्तराखण्ड पेयजल निगम के एके कटारिया, यूयूएसडीए के परियोजना प्रबंधक कुलदीप सिंह, नीरज उपाध्याय, वन अधिकारी गणेश दत्त जोशी सहित अन्य प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे।

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