31 साल बाद जेल से रिहा होगा राजीव गांधी का हत्यारा, सुप्रीमकोर्ट का आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले में सर्वाेच्च अदालत ने बुधवार को एजी पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद एजी पेरारिवलन 31 साल बाद जेल से बाहर आएगा। पेरारिवलन (50) की उम्र तब 19 साल थी जब उसे 11 जून, 1991 को गिरफ्तार किया गया था। उस पर लिट्टे के शिवरासन के लिए 9-वोल्ट की दो ‘गोल्डन पावर’ बैटरी सेल खरीदने का आरोप था, जिसने यह साजिश रची थी।

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उसी साल, 21 मई को पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के लिए बम में इन बैटरियों का इस्तेमाल किया गया था। उसे 1998 में टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में पेरारिवलन को जमानत दी थी। इस मामले में दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच लंबित रहने के बाद सर्वाेच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार के तहत एजी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया। साल 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट ने पेरारिवलन को रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन राज्यपाल ने इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था। इसके बाद से ही उसकी रिहाई का मामला लंबित था। राज्यपाल की तरफ से रिहाई पर फैसला नहीं आने के बाद पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

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