कांवड़ा यात्रा के लिए यूपी में फरमान, दुकान के बाहर लिखो अपना नाम

विपक्ष ही नहीं भाजपा के मुख्तार नक्वी भी भड़़क गए

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यूपी में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के मद्देनज़र जारी किए गए एक सरकारी फरमान से घमासान मचा हुआ है. विपक्ष के नेता निर्देश को लेकर सत्ता पक्ष की आलोचना कर रहे हैं. इसी बीच बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने एक पोस्ट कर दिया. माना जा रहा कि नकवी का ये पोस्ट कावंड़ यात्रा को लेकर जारी किए गए निर्देश को लेकर है. इसमें उन्होंने अधिकारियों के आदेश की आलोचना की है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
“कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गड़बड़ी वाली अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं. आस्था का सम्मान होना ही चाहिए, लेकिन अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए. जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात३ रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात.”
नकवी का संदेश साफ है कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, लेकिन भेदभाव को बढ़ावा न मिले.

निर्देश में क्या लिखा था ?
दरअसल, कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस ने निर्देश जारी किया. इसमें लिखा था कि यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और ठेलों पर विक्रेता का नाम लिखना जरूरी होगा. इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ. जिसके बाद पुलिस ने एक और निर्देश जारी कर बताया कि होटल, ढाबों के मालिक अपनी श्इच्छाश् से अपना नाम और रेट कार्ड दुकान के बाहर लगा सकते हैं.

विपक्ष ने योगी सरकार को इस निर्देश पर जमकर घेरा. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती समेत कई अन्य नेताओं ने इस आदेश का विरोध किया. आलोचकों का कहना है कि इससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी. इस बीच सहारनपुर डीआईजी अजय कुमार साहनी का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा कि पहले कई बार रेट और धर्म को लेकर कांवड़ियों में लड़ाई हुई है. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया था।

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