तो क्या…शनि बाजार की तनातनी के बीच लिखी जा रही है “गौशाला की पटकथा”
आज़ाद क़लम:-हल्द्वानी यहां लगने वाले हॉट बाजारों में सबसे बड़ा बाजार शनि बाजार है जो अब राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है चंद लोगों ने प्रतिष्ठा का सवाल बना कर यहां दुकान लगाने वाले सामान्य व्यापारियों को मुश्किल में डाला हुआ है जैसा कि ज्ञात है नगर निगम ने शनि बाजार ग्राउंड को तहबाजारी वसूलने का प्राइवेट ठेका कर दिया है पिछले कई सप्ताह से बाजार ना लगने के कारण गरीब व्यापारियों को नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही ठेकेदार की चिंता भी बढ़ती जा रही है ठेकेदार के विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यदि शनि बाजार का ठेका निरस्त होता है उस दशा में वहां पर गौशाला बनाई जाएगी जिसकी देखभाल ठेकेदार खुद करने की सोच रहे हैं प्रस्ताव बनाया जा रहा है संभवत इस सप्ताह भी बाजार ना लगने की स्थिति में यह प्रस्ताव नगर निगम को दिया जाएगा जिसमें कि शनि बाजार को गौशाला बनाने की योजना है यदि शनि बाजार व्यापारियों व ठेकेदार के बीच यह तनातनी यूं ही चलती रहे तो उसका परिणाम कहीं यह ना हो कि…….
“घर के रहे न घाट के”
अभी इसी तनातनी के कारण बुद्ध बाजार की बलि चढ़ चुकी है महंगाई व बेरोजगारी के इस दौर में राजनीतिक टकराव नहीं बल्कि समाधान निकालने की आवश्यकता जिससे कि सैकड़ों गरीब व्यापारी बेरोजगार होने से बच जाए अन्यथा…?
(सूत्रों पर आधारित )