बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ हल्द्वानी में ज़ोरदार प्रदर्शन, सड़कों पर उमड़ा हुजूम
हल्द्वानी। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों के विरोध में मंगलवार को हिंदू समाज सड़कों पर उतर आया। राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के बैनर तले हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की मांग की। सभा स्थल पर जय श्रीराम और भारत माता की जय के उद्घोष के बीच हिंदू समाज ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत सरकार से कड़ा कदम उठाने की अपील की। इसके बाद, एक विशाल जुलूस एमबी इंटर कॉलेज से तिकोनिया चौरा
तिकोनिया चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। सभा में इस्कॉन के गोपीनाथ दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म और हिंदुत्व की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, ष्हमें राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर घर से बाहर निकलना होगा।
भारत श्रीराम और ऋषि-मुनियों की पुण्य भूमि है, और हमें इसे बचाने के लिए एकजुट होना होगा। प्रख्यात कथावाचक नमन कृष्ण महाराज ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 1971 में बांग्लादेश के अलग होने के समय वहां हिंदुओं की आबादी 26 प्रतिशत थी, लेकिन अब यह घटकर 6 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा हमें जाति और वर्ग से ऊपर उठकर एकजुट होकर हिंदू समाज के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कश्मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि कश्मीर में पंडितों पर अत्याचार नहीं, बल्कि हिंदुओं पर हमला हुआ था। उनका मानना था कि जाति और वर्ग की विभाजनकारी शक्तियों को एकजुटता के साथ जवाब देना होगा।
मुख्य वक्ता, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. शिवेंद्र कश्यप ने कहा कि भारत हिंदुओं का सबसे बड़ा देश है, और किसी भी जगह अगर हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो भारतीय समाज चुप नहीं रह सकता। उन्होंने सरकार से अपील की कि जैसे 1971 में भारत ने हिंदू समुदाय के हितों के लिए आवाज उठाई थी, वैसे ही आज भी उन्हें अपनी भूमिका निभानी होगी। सूरज गिरी महाराज ने हिंदू समाज की एकता पर जोर देते हुए कहा कि एक दिन वे देश जो भारत से अलग हुए थे, फिर से भारत से जुड़ेंगे और अखंड भारत का सपना साकार होगा। उन्होंने लोगों से अपने नजदीकी मंदिरों में नियमित पूजा करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन नंदन सिंह डसीला ने किया।
ज्ञापन में क्या कहा गया
ज्ञापन में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों की गंभीर आलोचना की गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन धर्मांतरण, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। ज्ञापन में भारत सरकार से बांग्लादेश सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने और संयुक्त राष्ट्र से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई। इसके साथ ही बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया गया कि वह अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
सम्मिलित संगठन और लोग
इस रैली में विभिन्न समाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें हल्द्वानी मालिक चालक समिति, कुमाऊं द्वार टैक्सी मालिक एवं चालक कल्याण समिति, वरिष्ठ नागरिक जनकल्याण समिति, युवा सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति, वैश्य महासभा, माहेश्वरी महासभा, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा, और अन्य प्रमुख संगठन शामिल थे।