पांच मलिन बस्तियों के सर्वे पर रोक के मामले ने पकड़ा तूल, भड़के लोगों ने नगर निगम और सरकार के खिलाफ निकाला गुबार

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हल्द्वानी। मलिन बस्तियों के सर्वे में हल्द्वानी की पांच मलिन बस्तियों का छोड़ दिया गया है। नगर आयुक्त ने अपने पुराने आदेश को कैंसिल करते हुए एक नया आदेश जारी किया है जिसमें मुस्लिम बाहुल क्षेत्र बनभूलपुरा की पांच मलिन बस्तियों को सर्वे की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। नगर आयुक्त का कहना है कि ये पांच मलिन बस्तियां रेलवे के अतिक्रमण में हैं। यहां बता दें कि अभी यह साबित नहीं हुआ है कि यहां बसे लोग अतिक्रमणकारी हैं। न्यायिक प्रक्रिया गतिमान है। मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। नगर आयुक्त ने एक दिन के लिए सर्वे को रोकते हुए पांच मलिन बस्तियों को सर्वे से हटा दिया है।

अब मंगलवार से सर्वे करने के आदेश जारी कर 17 मई तक रिपोर्ट देने को कहा है। सर्वे से ढोलक बस्ती, इंदिरानगर पश्चिमी ए, इंदिरानगर पश्चिमी बी, इंदिरानगर पूर्वी, चिराग अली शाह बाबा को हटा दिया गया है। इधर इस पूरे प्रकरण ने उस समय तूल पकड़ लिया जब इस फैसले के विरोध में नाराज लोगों ने पार्षदों की अगुवाई में नगर निगम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि पूर्व में निगम द्वारा सभी मलिन बस्तियों का सर्वे करने की बात कही गई थी लेकिन अब रेलवे भूमि प्रकरण के बाद कई मलिन बस्तियां सर्वे से हटा दी गई हैं। आरोप लगाया कि ये कृत्य किसी बड़े राजनीतिक षड़यंत्रा के तहत किया जाना प्रतीत होता है। मांग उठाई कि सर्वे से हटाई गई मलिन बस्तियों को फिर से शामिल कराकर उनमें रहने वाले हजारों गरीब नागरिकों को उनका अधिकार दिलाया जाए।

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प्रदर्शन करने वालों में शकील अंसारी, मोहम्मद लईक कुरैशी, तौफीक अहमद, इबरान, ध्रुव कश्यप, रोहित कुमार, जेबा सलमानी, शाकिर, रईस अहमद, कुबरा बेगम, मो. गुफरान, जाकिर हुसैन आदि मौजूद रहे। वहीं, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष जियाउद्दीन कुरैशी ने कहा है कि पूरे शासनादेश पढ़ने के बाद एक बात तो सापफ हो चुकी के नगर निगम हल्द्वानी नहीं चाहती कि मुस्लिम आबादी का विकास हो और उनके साथ भी देश के आम नागरिक जैसा व्यवहार हो सोची समझी साजिश के तहत जिला प्रशासन मुस्लिम आबादी को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखना चाहता है।

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