हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- फर्जी तेल बिल घोटाले में मंत्रियों और अफसरों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ज्योति काला टूर एंड ट्रेवल्स को फर्जी बिलों के आधार पर किए गए भुगतान को लेकर दायर याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि फर्जी तेल बिल घोटाले मे सम्मलित मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई है एक सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने एक सप्ताह बाद की तिथि नियत की है सुनवाई के दौरान काला टूर एंड ट्रेवल्स के द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि उनके द्वारा कोई बिल नही दिए है बल्कि उन्हें ड्यूली प्रोसेस के माध्यम से भुगतान किया गया है।

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मामले के अनुसार राज्य में तेल बिल घोटाला 2009 व 2013 में सामने आया था। इन सालों में मुख्यमंत्रियों की फ्लीट में विभाग ने बाहर से गाडियां मंगाई और 1 करोड़ 38 लाख के बिल बनाकर उनका पैंसा निकाल लिया गया। 2015 में इस मामले पर तत्कालिन सीएमओ देहरादून द्वारा डालनवाला कोतवाली देहरादून व ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज की और काला टूर आँपरेटर व उनियाल टूर आँपरेटर को आरोपी बनाया और आरोप लगाया था कि इन लोगों ने फर्जी बिल बनाकर पैंसा लिया। आरोप था कि करीब 22 लाख काला टूर एंड़ ट्रेवलर्स ने लिया 5 लाख का भुगतान उनियाल टूर को किया गया।

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गिरफ्तारी से बचने के लिये दोनों ने हाईकोर्ट आए तो इसी दौरान पुलिस ने चार्जशीट इनके खिलाफ फाईल कर दी। चार्जशीट को चुनौती देने वाली याचिकाओ में दोनों टूर आँपरेटरों ने कहा कि जो भी बिल उन्होंने निकाले वो सीएम कार्यालय से सत्यापित थे लिहाजा उन्होंने कोई फर्जी बिल नहीं पेश किये थे। इसलिए चार्जशीट को निरस्त किया जाय। याचिकर्ताओ की तरफ से अधिवक्ता शैलेन्द्र नोरियाल ने पैरवी की।

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