ज़ीरो से हीरो बना “जाको भाई” का दिलचस्प इतिहास
हल्द्वानी:-राजेन्द्र गुप्ता उर्फ जाको भाई आजकल सुर्खियों में हैं विधानसभा चुनाव 2022 में 59 विधानसभा क्षेत्र से वैसे तो कई निर्दलीय प्रतियाशी मैदान में थे किंतु अचानक “जाको भाई” सुर्खियों में आ गए युवाओं में जाको भाई को लेकर एक अनोखा ही क्रेज देखने को मिला।
कौन है राजेन्द्र गुप्ता उर्फ “जाको”
दरअसल 90 के दशक में राजेंद्र गुप्ता प्रेम सिनेमा में गेटकीपर की नौकरी करता था उसी दौरान 1992 में राममंदिर आंदोलन चरम पर था हल्द्वानी से भी कार सेवकों का एक जत्था अयोध्या गया था जाको भी छुट्टी लेकर कार सेवा में भाग लेने अयोध्या गया वहां किसी झड़प में जाको चाकू से घायल हो गया हल्द्वानी लौटने पर इनका स्वागत हीरो की तरह हुआ अखबार में फोटो छपी लोग राजेन्द्र गुप्ता को चाक़ू कह कर पुकारने लगे यही चाक़ू आगे चल कर “जाको” हो गया राजेन्द्र को अपनी लोकप्रियता पर गुमान हो गया गेटकीपर की नौकरी छोड़ कर छोटी मोटी वारदातों में जाको हिस्सा लेने लगा इसी दौरान जाको कई गैरकानूनी काम भी अंजाम देने लगा पुलिस रिकॉर्ड भी बन गया धीरे धीरे जाको गायब हो गया लोग भूल गए अब जाको नए अवतार में लोगो के सामने आया विधानसभा प्रत्याशी बनकर अच्छा खासा प्रचार प्रसार भी किया युवायों ने हास्यपूर्ण तरीके से जाको की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए जाको जाको खूब चला चुनाव प्रचार में प्रमुख पार्टियों के बाद अगर किसी नाम की चर्चा हुई तो “जाको” की अब ये आकस्मिक लोकप्रियता क्या गुल खिलायेगी देखना है।