जमीयत ने मुसलमानों के विरुद्ध बहुसंख्यक समुदाय को भड़काने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

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आज़ाद क़लम:- दिल्ली के दिलशाद गार्डन में भड़काऊ कार्यक्रम पर
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल की स्पेशल सीपी दिल्ली पुलिस से मुलाकात

  1. नई दिल्ली, 12 अक्टूबर, 2022। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दिल्ली पुलिस दीपेन्द्र पाठक से जय सिंह रोड स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित रामलीला ग्राउंड जनता फ्लैट में भड़काऊ कार्यक्रम आयोजित करने और मुसलमानों के विरुद्ध बहुसंख्यक समुदाय को भड़काने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की तरफ से एक ज्ञापन भी उन्हें सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मांग की कि मुसलमानों को मिटाने और उनका आर्थिक बहिष्कार करने वालों के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज की जाए। अब तक जो भी कार्रवाई की गई है, वह संतोषजनक नहीं है। यह देश में कानून-व्यवस्था में लोगों के विश्वास का भी मामला है। यह तभी पैदा होगा जब चाहे वह कोई सांसद हो या विधायक, अगर उसने देश की अखंडता और गरिमा को चुनौती दी है, तो उसके विरुद्ध बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जाए और कानून एवं संविधान के शासन को मजबूत किया जाए। दूसरी तरफ यह देश के अल्पसंख्यकों के संबंध में पुलिस की भूमिका का भी मामला है। दिल्ली देश की राजधानी है। अगर ऐसी संवेदनशील जगह पर किसी एक विशेष समुदाय को मारने-काटने और बहिष्कार करने की घोषणा की जाए और पुलिस की सतर्कता दिखाई न दे तो इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ता है।

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ज्ञात हो कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद पूरे देश में अमन-शांति स्थापित करने के लिए एक हजार से अधिक सद्भावना संसद का आयोजन कर रही है। ऐसे में वह इसको किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकती कि देश की बेहतरीन छवि पर दाग लगे और देश अराजकता के रास्ते पर चला जाए।
पुलिस आयुक्त ने सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कहा कि उनका विभाग इस संबंध में विभिन्न पहलुओं से जांच कर रहा है और इस संबंध में हमारी एक बैठक भी हो रही है। किसी भी व्यक्ति को कानून से आगे बढ़ने या नफरत फैलाने की स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा। जहां तक नामजद प्राथमिकी का संबंध है तो हम वीडियो की फॉरेंसिक जांच कर रहे हैं। इस संबंध में भी कदम उठाएंगे।
आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में महासचिव के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना गयूर अहमद कासमी, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहम्मद नूरुल्लाह, मौलाना अजीमुल्लाह सिद्दीकी कासमी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जीम विभाग के प्रभारी डॉ. मशहूद आलम और मौलाना मोअज्जम अरिफी आदि शामिल थे।

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