रक्षाबंधन के मौके पर खास दिखाई देगा चांद, धरती के होगा इतने करीब, अद्भुत नज़ारा मिस मत कर देना
खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखे वालों के लिए एक बेहद खास मौका आने वाला है। इस साल हमें चार सुपरमून दिखाई देंगे। उनमें से पहला हमें रक्षाबंधन के त्योहार के मौके पर दिखाई देगा। 19 अगस्त को दिखाई देने वाला यह चंद्रमा ब्लू मून भी होगा।
सवाल उठता है कि आखिर ये चंद्रमा खास क्यों होगा और क्या नाम की ही तरह यह हमें नीला दिखाई देगा? आइए पहले समझें कि सुपरमून क्या होता है? चंद्रमा धरती का चक्कर लगाने के साथ ही धरती के नजदीक और दूर भी होता रहता है। सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के 90 फीसदी से ज्यादा करीब होता है।
सुपरमून शब्द का आविष्कार खगोलशास्त्री रिचर्ड नोले ने 1979 में किया था। पूर्ण सुपरमून को साल का सबसे चमकीला और सबसे बड़ा पूर्ण चंद्रमा माना जाता है। सामान्य चंद्रमा की तुलना में लगभग 30 फीसदी से ज्यादा यह चमकीला होता है और 14 फीसदी बड़ा दिखाई देता है। वहीं दूसरी तरफ ब्लू मून दो तरह के होते हैं और इनका नीले रंग से कोई लेना-देना नहीं होता।
पहला ब्लू मून मौसमी होता है। इसमें एक ही मौसम में चार पूर्णिमा होती है। तीसरी पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाता है, जैसा हमें 19 अगस्त को दिखेगा।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्लू मून पूरी दुनिया में दिखाई देगा। हालांकि इसे देखने का समय अलग-अलग हो सकता है। 18, 19 और 20 अगस्त को भी इसे देखा जा सकेगा। भारत में हम इसे 19 अगस्त की रात से 20 अगस्त को सूर्य निकलने से पहले देख सकेंगे।