तो लालकुआं होगा हरीश रावत का अगला ठिकाना
हरीश रावत भले ही उत्तराखंडियत का शोर मचाते हों लेकिन राजनैतिक रूप से वह पहाड़ में असहज रहते हैं। पहाड़ उनके लिए राजनैतिक टूरिज़्म भले हो मगर जब चुनाव की बात आती है वह येन-केन-प्रकारेण मैदान की ही सुरक्षित सीट तलाशते हैं। पार्टी ने उनकी यह नब्ज पकड़ते हुए लालकुआं सीट को भी इसी वजह से होल्ड कर रखा है। टिकट वितरण से उपजे विवाद का सुखांत लालकुआं से होगा।
सूत्रों के अनुसार लालकुआं से टिकट के प्रमुख दावेदार हरीश दुर्गापाल को भी पार्टी ने दिल्ली बुलाकर साध लिया है। अपने आप को सत्ता की दहलीज पर देख रही कांग्रेस टिकट वितरण की आग इतनी भी नहीं सुलगने देगी कि सब कुछ जलकर ही राख हो जाये। ज्यादा संभावना यही है कि उत्तराखंडियत की बात करने वाले हरीश रावत अपने एक परिजन को टिकट के आश्वासन पर लालकुआं सीट से प्रत्याशी बनने को तैयार हो जाएंगे। इसी आपदा की ओट लेकर अपने एक परिवार-एक टिकट के नियम को दरकिनार कर कांग्रेस हरक व उनकी पुत्रवधु को भी टिकट देकर मामले का पटाक्षेप कर देगी। चौबट्टाखाल सीट के चुनावी दंगल में अब हरक निबटे या सतपाल, हरीश के लिए एक ही बात है। हरक के इंटरेस्ट की सीट होल्ड यूँ ही नहीं रखी गई।