इस राज्य के लोग करते हैं सबसे ज्यादा आत्महत्या, सुसाइड की वजह बना ये घातक रोग
देशभर में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे लोगों के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर एक तिहाई कॉलर्स ने बताया है कि वे चिंता, अवसाद और आत्मघाती विचारों से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़े भी बताते हैं कि 2020 के मुकाबले 2021 में आत्महत्याओं का प्रतिशत 7.2 फीसदी बढ़ा है।
देशभर में निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदाता, साइरस एंड प्रिया वंद्रेवाला फाउंडेशन का कहना है कि पिछले तीन महीनों (नवंबर 2022 से जनवरी 2023) में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे कॉलर्स से की गई इस तरह की बातचीत लगभग 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं पिछले 18 महीनों (अगस्त 2021 से जनवरी 2023) में उनसे संपर्क करने और सलाह लेने वाले लोगों में कम से कम एक तिहाई लोगों ने बताया कि वे चिंता, अवसाद और आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं और इस संकट से निपटने के लिए उन्होंने पहले से ही मनोवैज्ञानिक हेल्प मांगी है।
सबसे ज्यादा सुसाइड्स इस राज्य में
2021 में भारत में प्रति लाख आबादी पर 12 आत्महत्याएं दर्ज की गईं। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, उसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में भारत की आत्महत्या की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस बात का संकेत है कि इन राज्यों के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संकट चिंता का एक बड़ा कारण है और इसके लिए कई बातें जिम्मेदार हो सकती हैं।