बिलकिस के बलात्कारियों को सुप्रीमकोर्ट से झटका, सरेंडर की डेडलाइन

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सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो के दोषियों को राहत देने से इनकार कर दिया है। सु्प्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी तक दोषियों को सरेंडर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका सरेंडर की तारीख आगे बढ़ाने की योग्यता नहीं रखती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आवेदकों द्वारा सरेंडर करने की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए की गई अपील के मामलों में कोई दम नहीं है, क्योंकि वो कारण किसी भी तरह से हमारे निर्देशों का पालन करने से नहीं रोकते हैं।सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

5 दोषियों ने सरेंडर करने की तारीख बढ़ाने की मांग करते हुए गुरुवार, 18 जनवरी को याचिका दायर की थी। इन सभी ने अलग-अलग कारण गिनवाते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी। बिलकिस बानो के गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की सजामाफी को सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर दोषियों को सरेंडर करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक 21 जनवरी तक इन्हें सरेंडर करना है। पांच दोषी इस डेडलाइन में राहत मांग रहे थे।

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अलग-अलग वजहें
1. गोविंदभाई नाई का कहना था कि उसके पिता 88 साल के हैं और मां 75 साल की। दोनों गोविंद पर ही निर्भर हैं। इसलिए उसे कुछ दिन की और मोहलत दी जाए।
2. रमेश रूपाभाई चांदना का कहना था कि उसके बेटे की शादी है. शादी की तैयारियां करनी हैं। इसलिए कुछ समय और चाहिए।
3. मितेश चमनलाल भट का कहना था कि सर्दी की फसल कटने के लिए तैयार है। फसल काटने के लिए समय दिया जाए।
4. चौथे दोषी प्रदीप रमनलाल मोधिया ने बताया था कि हाल ही में उसके लंग्स की सर्जरी हुई है। सेहत में सुधार होने तक उसे मोहलत दी जाए।
5. पांचवें दोषी बिपिनचंद कन्हैयालाल का कहना था कि हाल ही में उसके पैर का ऑपरेशन हुआ था, जिसकी वजह से वो आंशिक तौर पर विकलांग हो गया है।

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