सुपरमून- चांद आज आपके इतना करीब होगा……जानें समुद्र में कैसा रहेगा असर…

13 जुलाई को धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी। सुपरमून के दौरान चंद्रमा की दूरी धरती से सिर्फ 3,57,264 किलोमीटर रहेगी। सुपरमून का असर समुद्र में भी दिखाई देगा। सुपरमून की वजह से समुद्र में उच्च और कम ज्वार की बड़ी श्रृंखला देखी जा सकती है। खगोलविदों के मुताबिक, सुपरमून के दौरान तटीय इलाकों में तूफान आ सकता है और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
धरती और चंद्रमा के बीच औसत दूरी करीब 3.86 लाख किमी होती है और सार्वाधिक दूरी होने पर लगभग 4.05 लाख किमी दूर पहुंच जाता है। अब चंद्रमा इस वर्ष हमारे सबसे करीब लगभग 28 हजार किमी नजदीक पहुंच रहा है तो चांद का यह दृश्य बेहद मनमोहक नजर आने वाला है। जिसके चलते चंद्रमा की चमक अन्य दिनों की तुलना में करीब 30 फीसद अधिक होगी, जबकि आकार में भी करीब 14 फीसद अधिक बड़ा नजर आयेगा। जिसके चलते इस खगोलीय घटना में चांद को सुपर मून का नाम दिया गया है, जबकि विज्ञानी भाषा में इसे पेरेजी कहा जाता है। हालाकि अन्य मान्यताओं के लिहाज से भी जुलाई के इस चांद को कई अन्य नाम भी दिए गए हैं, जिनमें बक मून, हेय मून व ठंडर मून का नाम भी जाना जाता हैं। खास बात यह है कि चंद्रमा का धरती से नजर आने वाला सबसे बड़ा मुखड़ा नजर आता है। चंद्रमा पर शोध करने वाले विज्ञानियों के लिए यह पल खास होंगे, जबकि खगोल प्रेमियों के लिए यह दिलचस्प चांद होगा। बुधवार को नैनीताल में चंद्रमा 7.18 बजे उदय होगा और तड़के यानी 14 जुलाई की सुबह 4.26 बजे अस्त होगा। खगोल प्रेमियों के लिए रात यादगार होगी।
