हल्द्वानी में इस दम्पति ने की मृत्यु के देवता यमराज की पूजा, स्कंद पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु नहीं होगी
हल्द्वानी। यम द्वितीया के पावन पर्व पर एमबीपीजी के हिंदी विभाग के पूर्व प्राध्यापक डा. संतोष मिश्र ने अपनी पत्नी गीता मिश्र के साथ मिलकर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने कोरोना, कैंसर, टीबी, और एड्स जैसे रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा की कामना की। यम द्वितीया के दिन यमराज की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन यमराज की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। डा. मिश्र ने बताया कि ‘सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्’ मंत्र का 108 बार जाप करने से परिवार के सदस्य दीर्घायु होते हैं और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। स्कंद पुराण के अनुसार यम द्वितीया पर यमराज की पूजा से सभी दुखों का नाश होता है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। अयोध्या के जमथरा घाट पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाराज यमराज की तपोस्थली पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की, जिससे वे भयमुक्त होने की कामना कर रहे थे। यह पर्व श्रद्धालुओं के लिए न केवल आध्यात्मिक सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि उनके जीवन में सुख-समृद्धि की भी कामना करता है।