फ़िल्म “एनिमल” के यह तीसरे विलेन हल्द्वानी के सौरभ सचदेव हैं।
हल्द्वानी:- सुरमेदार ऑंखों वाला विलेन
सौरभ सचदेव जब आबिद उल हक़ के रूप में पर्दे पर आते हैं तो सहज ही आपका ध्यान खींच लेते है । बड़े मगर क़रीने से सँवरे बाल , बड़ी बोलती सुरमई ऑंखें. एक रहस्यमयी मुस्कुराहट व किसी बात को कहने से पहले माहौल भाँपने की क़वायद को शो करती बॉडी लैंग्वेज … एक सम्पूर्ण चरित्र के रूप में पर्दे पर होते है सौरभ ।
ये सच है कि एनिमल में रणवीर और लॉर्ड बॉबी ही छाये हुए हैं मगर सौरभ सचदेव जब जब पर्दे पर आते हैं दर्शक की रीढ़ में एक झुरझुरी सी होती है । यों लगता है मानो ये व्यक्ति जितना बाहर है उससे कही ज़्यादा ही भीतर है…गहरा है ।
जमालू जमालू के साथ ही पर्दे पर बॉबी के भाई मित्र दाँये हाथ गार्ड .. सबकुछ के रूप में सौरभ जब आबिद उल हक़ के रूप में दुल्हन को कहते हैं कि ‘मेरा भाई बोल नहीं सकता ‘ तो यों लगता है कि ये गहरे राज़दार है ।
असल ज़िंदगी में सौरभ सचदेव एक एक्टिंग कोच है ।जिन्होंने कई कलाकारों को एक्टिंग सिखाई है । उन्होंने एक लघु फिल्म ‘गुल’ (२०१६) का भी निर्देशन किया, जो प्राथमिकताओं का सवाल उठाती है और यह फिल्म केरल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाई गई है। 2017 में, सौरभ ने मुंबई में अपना स्वयं का एक प्रशिक्षण संस्थान ‘द एक्टर्स ट्रुथ और थिएटर ग्रुप ‘है ।
24 सितंबर 1978 को हल्द्वानी में जन्में सौरभ ने दिल्ली के मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल साकेत से पढ़ाई की तथा 2001 में वह बैरी जॉन’ के इमागो एक्टिंग स्कूल (जिसे अब बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो के नाम से जाना जाता है) में शामिल हो गए। 2003 तक इमागो थिएटर ग्रुप के साथ काम किया वहां उन्होंने नुक्कड़ नाटकों लिखे और उनमें अभिनय भी किया। 2005 में उन्होंने मुंबई में बैरी जॉन एक्टिंग स्कूल ज्वाइन किया जहां कई नए सितारों को एक्टिंग के गुर सिखाए।
एनिमल में सिर पर शराब का गिलास रखे थिरकते बॉबी का यह दृश्य उन्होंने ही परफ़ेक्ट करवाया । फ़िल्म के आख़िरी दृश्य में जब बॉबी देओल का गला रेतते हुएदिखाया गया तब सौरभ ने फूट फूट कर रोने वाले भाई का अभिनय इतनी विश्वसनीयता से किया है कि दर्शक असहज हो उठता है ।
तमाम विवादों से परे देखें तो ये फ़िल्म हैरान करती है और तमाम हिंसा व खूंरेजी के बीच आबिद उल हक उर्फ़ सौरभ सचदेव दर्शकों का प्रेम लूट लेते है ।
(फ़ोटो साभार)