आबादी क्षेत्र में विस्फोटक लगाना कानूनी अपराध, जांच करें अल्मोड़ा जिलाधिकारी- हाइकोर्ट

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आज़ाद क़लम, नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा जिले के ग्राम नौला मासी के रिहायशी क्षेत्र में लगाए जा रहे विस्फोटों से पालतू जानवरों की मौत के मामले में जिलाधिकारी अल्मोड़ा को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में पूर्व ग्राम प्रधान मुन्नी देवी निवासी जैठखोला नौला मासी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि बिना किसी पूर्व सूचना के अल्मोड़ा जिले के ग्राम नौला में रिहायशी क्षेत्रों में जंगली जानवरों को मारने के लिए विस्फोटक लगाए जा रहे हैं, जिसकी चपेट में आने से उनके पालतू जानवरों की मौत होने के साथ ही ग्रामीणों पर खतरा मंडरा रहा है।

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इस तरह से रिहायशी क्षेत्रों में विस्फोटक लगाना कानूनन अपराध है। याचिका में कहा गया है ग्रामीणों व उनके जानवरो की सुरक्षा के दृष्टिगत रिहायशी क्षेत्रों में विस्फोटक लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। यह भी कहा गया कि जब वह अपने पालतू कुत्ते को रोज की भांति घुमाने घर के खेतों में गयी तो कुत्ते ने आटे के साथ मिलाया विस्फोटक पदार्थ खा लिया। जैसे ही उसने उसे चबाया तो कुत्ते के चिथड़े उड़ गए।

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